बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया में अब केवल चार दिन शेष हैं, लेकिन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन सकी है। पिछले कई दिनों से एनडीए के घटक दलों के बीच लगातार मंथन जारी है, मगर सीटों पर समझौता अभी तक नहीं हो पाया है।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के अंतिम चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ सीटों के बंटवारे से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। गठबंधन के भीतर चार विधानसभा सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है, जिनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तारापुर सीट भी शामिल है।
सम्राट चौधरी की सीट पर खींचतान, बीजेपी का तैयार प्लान-B
जानकारी के अनुसार, बीजेपी सम्राट चौधरी को तारापुर सीट से उतारना चाहती थी, लेकिन नीतीश कुमार ने इस पर आपत्ति जताई है। नीतीश की नाराज़गी को देखते हुए बीजेपी ने सम्राट चौधरी के लिए प्लान-B तैयार किया है। इस योजना के तहत उन्हें पटना की कुम्हरार या पटना साहिब सीट से चुनाव मैदान में उतारने पर विचार किया जा रहा है।
तीन सीटों पर नीतीश की नाराज़गी, चिराग पासवान पर सवाल
तारापुर के अलावा, जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार **तीन अन्य सीटों—सोनबरसा, राजगीर और मोरवा—**को लेकर भी असहमति जता रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों सीटें चिराग पासवान की पार्टी को दी गई हैं, जिससे नीतीश असंतुष्ट हैं।
खास बात यह है कि सोनबरसा सीट से वर्तमान में नीतीश सरकार में मंत्री रत्नेश सदा जेडीयू के विधायक हैं। नीतीश चाहते हैं कि यह सीट जेडीयू के खाते में ही बनी रहे।
नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर
बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है और 17 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपने पर्चे दाखिल कर सकेंगे।
हालांकि, अब समय बेहद सीमित बचा है और न तो एनडीए और न ही महागठबंधन ने अभी तक सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान किया है।
महागठबंधन में भी तनातनी
इधर, महागठबंधन में भी राजद और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों को लेकर मतभेद उभरते दिख रहे हैं। हालांकि, दोनों दलों के नेता सार्वजनिक रूप से यह कह रहे हैं कि “सब कुछ ठीक है” और जल्द ही समझौते की घोषणा कर दी जाएगी।
संभावना है कि आज या कल तक एनडीए और महागठबंधन, दोनों ही गठबंधन सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं।