नई दिल्ली, [आज] — छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर सौजन्य मुलाकात की। बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार, प्रदेश में रक्षा क्षेत्र के विकास, व्यापक सेना भर्ती रैलियों के आयोजन और नौसैनिक पोतों के नामकरण संबंधी प्रस्ताव जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू तथा CM के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
मुख्य मुद्दे और अनुरोध
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में सेना में शामिल होने की रुचि और उत्साह बहुत प्रबल है। उन्होंने राज्य में विशेष सेना भर्ती रैलियों आयोजित करने का अनुरोध किया ताकि युवाओं को अपने ही प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिल सके।
बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार को राज्य की रणनीतिक और आर्थिक जरूरतों के मद्देनजर आवश्यक बताया गया और केंद्र से आवश्यक संसाधन व सहयोग की मांग उठाई गई।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि भारत के नए नौसैनिक पोतों के नामकरण में छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और क्षेत्रों के नाम (उदा., INS Indravati, INS Mahanadi, INS Bastar) पर विचार किया जाए — ताकि राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को राष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित किया जा सके।
औद्योगिक नीति और रक्षा निर्माण
विष्णुदेव साय ने राज्य की नई औद्योगिक नीति का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि नीति के तहत रक्षा एवं इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विज़न से मेल खाती है और पूर्वोत्तर-छत्तीसगढ़ में हाईटेक ट्रेनिंग, अनुसंधान व निवेश के अवसर बढ़ाने में मदद करेगी।
आगे की प्रक्रिया
बैठक में दोनों पक्षों ने तकनीकी, लॉजिस्टिक और प्रशिक्षण सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जतायी और आगे के अनुषंगी चरणों के लिए संबंधित मंत्रालयों व विभागों के स्तर पर टास्क फोर्स/नोडल अफसर तैनात करने पर बात हुई। केंद्र और राज्य के अधिकारियों के बीच आगामी दिनों में फॉलो-अप मीटिंग्स और क्षेत्रीय सर्वे योजनाओं की रूपरेखा बनायी जायेगी।
प्रांतीय हित और राष्ट्रीय महत्व
इस मुलाकात से संकेत मिलता है कि छत्तीसगढ़ न केवल रक्षा क्षेत्र में योगदान देना चाहता है, बल्कि केंद्र-राज्य सहयोग के माध्यम से स्थानीय कौशल, उत्पादन क्षमता और सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व को भी मजबूत करना चाहता है। दोनों नेताओं की वार्ता ने इस दिशा में एक सकारात्मक सुर शुरू किया है।