बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो, लेकिन सूबे का सियासी पारा तेजी से चढ़ चुका है। बुधवार को एआईएमआईएम (AIMIM) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज से अपनी सीमांचल न्याय यात्रा की शुरुआत करके चुनावी बिगुल फूंक दिया। इस यात्रा को लेकर ओवैसी का सीधा संदेश है कि उनकी पार्टी इस बार बिहार की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए पूरी ताक़त झोंकने जा रही है।
महागठबंधन पर सीधा हमला
किशनगंज में हुई जनसभा के दौरान ओवैसी ने महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। जब उनसे पूछा गया कि क्या AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने की संभावना है, तो उन्होंने तीखे अंदाज़ में जवाब दिया:
“बिहार की जनता देख रही है कि बीजेपी की बी-टीम कौन है।”
ओवैसी ने इस बयान से साफ़ कर दिया कि वह महागठबंधन को जनता के सामने बेनक़ाब करने का इरादा रखते हैं और खुद को एक स्वतंत्र विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव से दूरी और 6 सीटों का मसला
ओवैसी ने खुलासा किया कि AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख़्तरुल ईमान ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को एक पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। मीडिया के जरिए भी संदेश भेजा गया कि AIMIM सिर्फ 6 सीटों पर समझौता करना चाहती है। लेकिन तेजस्वी यादव की ओर से इस पत्र का आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया।
इस पर ओवैसी ने कहा:
“हमने अपना फर्ज निभाया है, अब बिहार की जनता देख रही है कि कौन भाजपा को मजबूत करना चाहता है।”
#WATCH | Kishanganj, Bihar: On Bihar polls, AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi says, “Akhtarul Iman has written a letter to the LoP here (Tejashwi Yadav) and we have said through media that AIMIM is ready for alliance. Akhtarul Iman has also written that they can give us 6… pic.twitter.com/E9hoB3S8wq
— ANI (@ANI) September 24, 2025
ओवैसी के इस बयान से यह साफ़ झलकता है कि AIMIM खुद को हाशिए पर रखे जाने से नाराज़ है और अब स्वतंत्र रूप से मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सीमांचल पर खास फोकस
ओवैसी ने अपनी यात्रा के लिए बिहार के सीमांचल इलाक़े को चुना है। यह इलाक़ा मुस्लिम बहुल होने के कारण हमेशा से सियासी दलों का खास केंद्र रहा है।
किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में AIMIM पहले से ही पैठ बना चुकी है।
2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल में पाँच सीटें जीती थीं, जिससे महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ा था।
इस बार भी ओवैसी की रणनीति सीमांचल को मज़बूत गढ़ बनाने की है।
ओवैसी ने कहा कि उनकी यात्रा चार दिन चलेगी और इस दौरान वह विधानसभा क्षेत्रों में पब्लिक मीटिंग करेंगे और लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
आई लव मोहम्मद विवाद पर बयान
हाल ही में बिहार में “I Love Mohammad” पोस्टर लगाने को लेकर विवाद हुआ था। इस मुद्दे पर ओवैसी ने कहा:
“हर मुसलमान पैगंबर साहब से मोहब्बत करता है, क्योंकि यह उनके ईमान का हिस्सा है। ऐसे पोस्टरों को रोकना पूरी तरह गलत है।”
ओवैसी का यह बयान साफ़ करता है कि वह धार्मिक मुद्दों को भी चुनावी राजनीति में केंद्र बिंदु बनाने से पीछे नहीं हटेंगे।
तेजस्वी यादव पर रोजगार का तंज़
तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि बिहार में डिग्री धारियों को पहले रोजगार दिया जाएगा। इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए पूछा:
“तेजस्वी को बताना चाहिए कि बिहार में कितने स्नातक युवा बेरोज़गार हैं और उन्होंने अब तक उनके लिए क्या किया?”
AIMIM की रणनीति और भविष्य का संकेत
ओवैसी ने साफ़ कहा कि AIMIM कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका ऐलान बाद में किया जाएगा।
उन्होंने गठबंधन पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर बताया कि AIMIM की भूमिका को नज़रअंदाज़ करना अब किसी दल के लिए आसान नहीं होगा।
प्रदेश अध्यक्ष अख़्तरुल ईमान और AIMIM के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस दौरान मंच पर मौजूद थे, जिससे पार्टी की अंदरूनी एकजुटता का संदेश दिया गया।
ओवैसी की सीमांचल न्याय यात्रा ने बिहार चुनावी राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
एक ओर वह खुद को महागठबंधन और एनडीए से अलग एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश कर रहे हैं।
दूसरी ओर, सीमांचल में उनकी सक्रियता महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
तेजस्वी यादव से दूरी और 6 सीटों का प्रस्ताव ठुकराया जाना आने वाले दिनों में और बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है
बिहार चुनाव में AIMIM की यह रणनीति तय करेगी कि सीमांचल का वोट बैंक किस ओर झुकेगा और इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर दिखेगा।