बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीमांचल के लोगों को एक बड़ा तोहफ़ा मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (15 सितंबर) को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे और इसे जनता को समर्पित करेंगे। यह कदम बिहार में हवाई कनेक्टिविटी को मज़बूत करने और क्षेत्रीय विकास को नई गति देने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
पूर्वी भारत का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट
पूर्णिया एयरपोर्ट कोलकाता के बाद पूर्वी भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसका 2800 मीटर लंबा रनवे और 4000 स्क्वायर मीटर का आधुनिक टर्मिनल भवन इसे खास बनाता है। स्थानीय लोग मानते हैं कि एयरपोर्ट शुरू होने से सीमांचल की आर्थिक और व्यापारिक स्थिति में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। क्षेत्र के युवक-युवतियों को नए रोज़गार के अवसर मिल रहे हैं और छोटे-बड़े व्यापारियों के लिए बाज़ार के विस्तार का रास्ता खुल रहा है।
पहले था डिफेंस एयरपोर्ट
इतिहास पर नज़र डालें तो यहां पहले डिफेंस एयरपोर्ट हुआ करता था। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 में वायुसेना ने इसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए लॉन्चिंग बेस के रूप में विकसित किया था। 1950 और 70 के दशक में कुछ समय तक यहां से कोलकाता के लिए वाणिज्यिक उड़ानें भी संचालित हुईं, लेकिन पर्याप्त बुनियादी ढांचे के अभाव में ये सेवाएं बंद हो गईं।
इंडिगो एयरलाइंस करेगी शुरुआत
नए एयरपोर्ट के उद्घाटन के साथ ही इंडिगो एयरलाइंस 17 सितंबर से रांची–पूर्णिया–कोलकाता रूट पर उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है। शुरुआती चरण में यह उड़ान सप्ताह में तीन दिन — सोमवार, बुधवार और शुक्रवार — चलेगी।
त्योहारों से पहले बिहारवासियों के लिए राहत
पूर्णिया एयरपोर्ट की सौगात ऐसे समय आई है जब दिवाली और छठ पूजा जैसे बड़े त्योहार नज़दीक हैं। दूसरे राज्यों में रहने वाले लाखों बिहारवासी त्योहारों पर घर लौटते हैं। एयरपोर्ट शुरू होने से उन्हें यात्रा का एक और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा, जिससे उनकी घर वापसी और भी आसान हो जाएगी।
पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन न केवल सीमांचल बल्कि पूरे बिहार की कनेक्टिविटी, व्यापार और रोज़गार के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।





 
                                    










