नई दिल्ली, 25 अगस्त 2025. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार (25 अगस्त) को केंद्र सरकार से बॉम्बे हाईकोर्ट के सीजे — जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के सीजे — जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने की सिफारिश की है। इन नियुक्तियों के साथ सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की अनुमोदित पूर्ण संख्या 34 हो जाएगी।
कॉलेजियम की बैठक और निर्णय
प्रमुख न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कॉलेजियम की बैठक में — जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल थे — दोनों हाईकोर्ट चीफ जस्टिसों को SC में भेजने की सिफारिश पर सहमति बनी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी बयान में इस निर्णय की जानकारी सार्वजनिक की गई है।
दोनों न्यायाधीश — संक्षिप्त परिचय
जस्टिस आलोक अराधे (जन्म: 13 अप्रैल 1964)
12 जुलाई 1988 को वकालत में प्रवेश; दीवानी, संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी मामलों में कार्य।
29 दिसंबर 2009: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश।
15 फरवरी 2011: स्थायी न्यायाधीश।
बाद में जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट में स्थानांतरण; 11 मई 2018 को वहां के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त।
कर्नाटक हाईकोर्ट में न्यायाधीश और बाद में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य।
19 जुलाई 2023: तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश; बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर होकर 21 जनवरी 2025 को वहां कार्यभार संभाला।
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली (जन्म: 28 मई 1968)
सितंबर 1991 में बार में प्रवेश; गुजरात हाईकोर्ट में एडवोकेट के रूप में प्रैक्टिस।
1 अक्टूबर 2014: गुजरात हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज।
10 जून 2016: स्थायी न्यायाधीश।
बाद में पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरण; 24 जुलाई 2023 को न्यायाधीश के रूप में शपथ।
21 जुलाई 2025 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
शैक्षणिक योगदान: दिसंबर 1993 से लगभग 21 साल तक अहमदाबाद के Sir L.A. Shah Law College में विजिटिंग फैकल्टी रहे।
महत्व और संभावित प्रभाव
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इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट अपनी पूर्ण न्यायाधीश संख्या (34) पर पहुँच जाएगा, जो अदालत के कामकाज और संवैधानिक मामलों की सुनवाई की क्षमता के लिए अहम है।
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वरिष्ठता के क्रम और करियर प्रोफ़ाइल के आधार पर कहा जा रहा है कि जस्टिस पंचोली भी भविष्य में उच्चतम पदों की कतार में होंगे; उन्हें कुछ समीकरणों के हिसाब से आने वाले वर्षों में शीर्ष न्यायिक नेतृत्व की लाइन में देखा जा रहा है। (प्रोन्नति और वरिष्ठता संबंधित भविष्यवाणियाँ कॉलेजियम और संवैधानिक नियमों पर निर्भर रहेंगी।)
आगे की प्रक्रिया
अब केंद्र सरकार (अध्यक्ष/केंद्र) के समक्ष कॉलेजियम की सिफारिश भेजी जाएगी; यदि केंद्र द्वारा सहमति दी जाती है तो राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति की जाएगी और दोनों न्यायाधीशों का सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरण अंतिम माना जाएगा।
संक्षेप
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की यह सिफारिश अदालत की बहु-दलीय बैठकों व वरिष्ठता के प्रावधानों के परिणामस्वरूप आई है। जस्टिस अराधे व जस्टिस पंचोली की नियुक्ति से अदालत की संसद्य शक्ति सुदृढ़ होगी और मामलों की सुनवाई में तेजी आने की संभावना बनी रहेगी।
नई दिल्ली, 25 अगस्त 2025. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार (25 अगस्त) को केंद्र सरकार से बॉम्बे हाईकोर्ट के सीजे — जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के सीजे — जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में प्रमोट करने की सिफारिश की है। इन नियुक्तियों के साथ सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की अनुमोदित पूर्ण संख्या 34 हो जाएगी।
कॉलेजियम की बैठक और निर्णय
प्रमुख न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कॉलेजियम की बैठक में — जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल थे — दोनों हाईकोर्ट चीफ जस्टिसों को SC में भेजने की सिफारिश पर सहमति बनी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी बयान में इस निर्णय की जानकारी सार्वजनिक की गई है।
दोनों न्यायाधीश — संक्षिप्त परिचय
जस्टिस आलोक अराधे (जन्म: 13 अप्रैल 1964)
12 जुलाई 1988 को वकालत में प्रवेश; दीवानी, संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी मामलों में कार्य।
29 दिसंबर 2009: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश।
15 फरवरी 2011: स्थायी न्यायाधीश।
बाद में जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट में स्थानांतरण; 11 मई 2018 को वहां के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त।
कर्नाटक हाईकोर्ट में न्यायाधीश और बाद में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य।
19 जुलाई 2023: तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश; बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर होकर 21 जनवरी 2025 को वहां कार्यभार संभाला।
जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली (जन्म: 28 मई 1968)
सितंबर 1991 में बार में प्रवेश; गुजरात हाईकोर्ट में एडवोकेट के रूप में प्रैक्टिस।
1 अक्टूबर 2014: गुजरात हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज।
10 जून 2016: स्थायी न्यायाधीश।
बाद में पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरण; 24 जुलाई 2023 को न्यायाधीश के रूप में शपथ।
21 जुलाई 2025 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
शैक्षणिक योगदान: दिसंबर 1993 से लगभग 21 साल तक अहमदाबाद के Sir L.A. Shah Law College में विजिटिंग फैकल्टी रहे।
महत्व और संभावित प्रभाव
इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट अपनी पूर्ण न्यायाधीश संख्या (34) पर पहुँच जाएगा, जो अदालत के कामकाज और संवैधानिक मामलों की सुनवाई की क्षमता के लिए अहम है।
वरिष्ठता के क्रम और करियर प्रोफ़ाइल के आधार पर कहा जा रहा है कि जस्टिस पंचोली भी भविष्य में उच्चतम पदों की कतार में होंगे; उन्हें कुछ समीकरणों के हिसाब से आने वाले वर्षों में शीर्ष न्यायिक नेतृत्व की लाइन में देखा जा रहा है। (प्रोन्नति और वरिष्ठता संबंधित भविष्यवाणियाँ कॉलेजियम और संवैधानिक नियमों पर निर्भर रहेंगी।)
आगे की प्रक्रिया
अब केंद्र सरकार (अध्यक्ष/केंद्र) के समक्ष कॉलेजियम की सिफारिश भेजी जाएगी; यदि केंद्र द्वारा सहमति दी जाती है तो राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक नियुक्ति की जाएगी और दोनों न्यायाधीशों का सर्वोच्च न्यायालय में स्थानांतरण अंतिम माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की यह सिफारिश अदालत की बहु-दलीय बैठकों व वरिष्ठता के प्रावधानों के परिणामस्वरूप आई है। जस्टिस अराधे व जस्टिस पंचोली की नियुक्ति से अदालत की संसद्य शक्ति सुदृढ़ होगी और मामलों की सुनवाई में तेजी आने की संभावना बनी रहेगी।














