Thursday, August 7, 2025
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“डोनाल्ड ट्रम्प को चाहिए बिहार का आवासीय प्रमाणपत्र!” — समस्तीपुर से वाइट हाउस तक फैला RTPS स्कैंडल

समस्तीपुर, बिहार: बिहार की मिट्टी में कुछ तो जादू है साहब! यहां का सिस्टम इतना मेहमाननवाज़ है कि अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जॉन ट्रम्प भी यहां “स्थायी निवासी” बनना चाहते हैं। वो भी समस्तीपुर जिले के मोहीउद्दीननगर में! जी हां, बिहार के RTPS पोर्टल पर ऐसा ही एक आश्चर्यजनक आवेदन सामने आया, जिसमें ट्रम्प साहब न केवल बिहार के निवासी घोषित हो गए, बल्कि उन्होंने अपने ‘पिता’ का नाम भी बड़ी शालीनता से फैडरिक क्रिस्ट ट्रम्प लिखा — जाहिर है परिवारवाद तो हर जगह चलता है।

वैसे इस आवेदक की ईमानदारी की दाद देनी पड़ेगी — न तो नाम छिपाया, न चेहरा बदला, सीधे व्हाइट हाउस की प्रोफाइल पिक्चर चिपका दी, आधार कार्ड भी ‘तैयार’ करा लिया। कुछ तो सीखना चाहिए देसी फ्रॉडस्टरों को — इंटरनेशनल स्टाइल में ठगी कैसे की जाती है।


महिला राजस्व पदाधिकारी बनीं “FBI एजेंट”

लेकिन ट्रम्प साहब की यह बिहारी चालाकी ज्यादा देर नहीं चली। मोहीउद्दीननगर की एक सतर्क महिला राजस्व पदाधिकारी ने इस आवेदन पर नज़र डालते ही कहा:
“इतना आत्मविश्वास? कहीं तो गड़बड़ है!”
गहन जांच शुरू हुई और ट्रम्प साहब के इस डिजिटल अवतार की कलई खुल गई। आवेदन तत्काल रद्द, मामला साइबर थाना में, और डिजिटल दुनिया में एक ठग की अमेरिका यात्रा यहीं समाप्त।


सरकार ने कहा – फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा, चाहे वो ट्रम्प ही क्यों न हों!

प्रशासन ने कड़ा संदेश दिया – “सरकारी सेवाओं में फर्जी दस्तावेज़ अब स्वीकार नहीं होंगे। चाहे ट्रम्प बनो या पुतिन, RTPS में नहीं चलेगा पब्लिसिटी स्टंट।”
अब यह तो साफ है कि बिहार सरकार “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर चल रही है — भले ही उसका सामना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति से ही क्यों न हो।


टिप: आधार कार्ड बनवाते समय फोटो ज़रूर देख लें, कहीं ट्रम्प न निकले!

इस घटना ने न केवल बिहार के प्रशासनिक सिस्टम की डिजिटल सतर्कता दिखा दी, बल्कि यह भी बता दिया कि अब सरकारी बाबू गूगल कर लेते हैं — व्हाइट हाउस का चेहरा पहचान जाते हैं।


जनता से अपील:

आम नागरिकों से आग्रह है — अगली बार आवेदन में ब्रैड पिट या सलमान खान का फोटो लगाने से पहले सोच लें। RTPS के बाबू अब AI नहीं, “CI” (Common Intelligence) से काम करते हैं।और हां, फोटोशॉप से बने दस्तावेज़ अब सीधा साइबर थाना पहुंचाते हैं, सरकारी दफ्तर नहीं।


इस “बिहार बनाम ट्रम्प” एपिसोड से एक बात तो साफ हो गई — अब सरकारी सेवाएं डिजिटल ही नहीं, चुस्त-दुरुस्त भी हैं। ट्रम्प तक को रोक लिया, आप क्या चीज़ हो?


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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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