बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिली। अब राज्य के लगभग 90 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं को पूरी तरह मुफ्त बिजली मिलेगी।
1 अगस्त 2025 से लागू होगी नई व्यवस्था
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि यह नई योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी, यानी जुलाई माह के बिजली बिल में ही उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं की कुल संख्या 1 करोड़ 86 लाख 60 हजार है, जिनमें से 1 करोड़ 67 लाख 94 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जो हर महीने 125 यूनिट या उससे कम बिजली की खपत करते हैं।
अब इन 90 फीसदी उपभोक्ताओं को बिजली का बिल नहीं भरना होगा। केवल वही उपभोक्ता जिनकी मासिक खपत 125 यूनिट से अधिक है, उन्हें पहले की दरों के अनुसार भुगतान करना होगा।
3,797 करोड़ रुपये की मंजूरी, सालाना 19,792 करोड़ का बोझ
सरकार ने इस योजना के विस्तारीकरण के लिए 3,797 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। हालांकि, योजना के तहत सरकार पर साल 2025-26 में करीब 19,792 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा, जो आगे के वर्षों में और बढ़ सकता है।
सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा: घरेलू स्तर पर लगाए जाएंगे सोलर प्लांट
कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 1.1 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को इन प्लांट्स की पूरी वित्तीय सहायता मिलेगी।
अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को आंशिक सब्सिडी के साथ सहायता दी जाएगी।
इस पहल का उद्देश्य दीर्घकालीन ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और बिजली व्यवस्था पर भार कम करना है।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम: ‘बिहार पंप स्टोरेज नीति-2025’ को भी मंजूरी
राज्य सरकार ने 15 जुलाई 2025 से ‘बिहार पंप स्टोरेज संवर्धन नीति-2025’ को भी लागू करने का निर्णय लिया है। यह नीति अक्षय ऊर्जा (सौर और पवन) की अनियमितता को संतुलित करने और ग्रिड की मजबूती के लिए ऊर्जा भंडारण की दीर्घकालिक व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
निवेशकों की सुविधा के लिए ऊर्जा विभाग सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम तैयार कर रहा है।
स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में छूट भी दी जाएगी, जिससे निवेश का वातावरण और अनुकूल बनेगा।
राज्य सरकार का मानना है कि यह नीति बिहार जैसी तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के लिए भविष्यगामी ऊर्जा समाधान साबित होगी।
बिहार सरकार की यह योजनाएं न केवल आम जनता को आर्थिक राहत देने वाली हैं, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर और भविष्य-उन्मुख बनाने की दिशा में भी एक बड़ी पहल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह फैसला राज्य के विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से एक मील का पत्थर माना जा रहा है।