नोएडा, सेक्टर-74 — आलीशान फ्लैट, चमकदार गेट और इंस्टाग्राम पर दिखने वाली तस्वीरें… लेकिन हकीकत? गटर का पानी खुले में बहता हुआ। नोएडा की चर्चित सुपरटेक कैपटाउन सोसाइटी अब एक और वजह से सुर्खियों में है — और इस बार मामला जनस्वास्थ्य के सीधे खतरे से जुड़ा है।
नोएडा प्राधिकरण के जल विभाग ने 27 जून 2025 को सेक्टर-113 थाना प्रभारी को पत्र भेजकर सिफारिश की है कि सोसाइटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। आरोप है कि सोसाइटी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) निष्क्रिय है और बिना ट्रीटमेंट का गंदा पानी खुले में छोड़ा जा रहा है, जो आसपास के निवासियों के लिए गंभीर खतरा बन गया है।
STP फेल, नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
प्राधिकरण की जांच में साफ हुआ कि STP या तो काम नहीं कर रहा या कामचलाऊ स्थिति में है। गंदगी सीधे नालों और खुले क्षेत्र में प्रवाहित हो रही है। IPC की धारा 272 के तहत यह आपराधिक कृत्य माना गया है, जिसके तहत दो साल की सजा या जुर्माना — या दोनों — हो सकता है।
यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि पर्यावरण और इंसानी जीवन के लिए खुला खतरा है।
AOA का पलटवार: ‘यह राजनीति है, कार्रवाई की टाइमिंग पर सवाल’
जहां एक ओर प्राधिकरण ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है, वहीं सोसाइटी की Apartment Owners Association (AOA) इसे एकतरफा कदम बता रही है।
“सिर्फ हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बाकी सोसाइटीज़ नियमों का पालन कर रही हैं?” — AOA
AOA की यह प्रतिक्रिया अपने आप में कई सवाल खड़े करती है:
क्या यह “राजनीति” है या साफ दिखती ज़मीनी गंदगी?
क्या AOA ने अब तक कोई आत्म-मूल्यांकन किया है?
क्या यह बयान, ज़िम्मेदारी लेने से बचने की कोशिश है?
₹35 लाख तक का जुर्माना भी संभव
प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन साबित होता है तो सोसाइटी पर ₹5 लाख से लेकर ₹35 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अब बड़ा सवाल ये है:
क्या AOA अपनी कमियों को स्वीकारते हुए सुधारात्मक कदम उठाएगी,
या फिर सब कुछ ‘राजनीतिक प्रोपेगैंडा’ कहकर बचने की कोशिश करेगी?
‘लक्सरी अपार्टमेंट’ का सच:
जिस सोसाइटी में करोड़ों की संपत्तियाँ बिकीं, वहां सीवरेज व्यवस्था झुग्गी-बस्तियों से भी बदतर क्यों?
क्या अब “लक्सरी” का मतलब सिर्फ क्लब हाउस, पाम ट्री और फैंसी गेट रह गया है?
अब नज़र थाना पुलिस पर
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि थाना सेक्टर-113 FIR दर्ज करता है या नहीं। क्या प्रशासनिक कार्रवाई वास्तव में होगी या मामला फिर किसी ‘सेटलमेंट’ के नाले में बह जाएगा?
स्रोत: जल खंड-प्रथम, नोएडा प्राधिकरण का पत्र (27.06.2025), थाना प्रभारी सेक्टर-113 को प्रेषित।
रिपोर्ट: जनस्वास्थ्य और शहरी पारदर्शिता संवाद, नोएडा