किंगदाओ, चीन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और अन्य देशों को कड़ा संदेश दिया। बुधवार को किंगदाओ में आयोजित इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे, और राजनाथ सिंह ने उनके सामने आतंकवाद व चरमपंथ के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को फिर से दोहराया।
रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का मानना है कि रिफॉर्मड मल्टीलेटरलिज्म से वैश्विक स्तर पर संवाद, सहयोग और सह-अस्तित्व के लिए नए तंत्र बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा, “कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, आज अकेले काम नहीं कर सकता।”
‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ना सामूहिक जिम्मेदारी’
राजनाथ सिंह ने बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर खुलकर बात करते हुए कहा कि भारत निर्दोष नागरिकों के हत्यारों को कभी नहीं छोड़ेगा। “जो देश आतंकवाद को पालते-पोसते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि आतंकवाद और समृद्धि एक साथ नहीं चल सकते,” उन्होंने चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, “दुनिया के लिए हमारी प्राचीन संस्कृति से निकला मंत्र है — सर्वे जना: सुखिनो भवन्तु — यानी सभी के लिए सुख-समृद्धि। लेकिन आतंकवाद इस विचार के खिलाफ है। हमें इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई करनी होगी ताकि हमारे क्षेत्र में शांति, विश्वास और सुरक्षा बहाल हो सके।”
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
रक्षा मंत्री ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के लिए जिम्मेदार संगठन, “द रेजिस्टेंस फ्रंट,” दरअसल लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
LAC तनाव के बाद भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की पहली मुलाकात
इस बैठक के लिए राजनाथ सिंह एक दिन पहले चीन पहुंचे थे, जो 2020 में गलवान गतिरोध के बाद भारत-चीन रक्षा मंत्रियों की पहली बैठक है। इस दौरान उनकी चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से संक्षिप्त बातचीत हुई और दोनों ने अन्य नेताओं के साथ ग्रुप फोटो में हिस्सा लिया।
रक्षा मंत्री ने इस यात्रा से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था कि वे इस मंच पर भारत के नजरिए को स्पष्ट करेंगे और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सतत प्रयास करने पर जोर देंगे।
क्या है भारत का संदेश?
चीन-पाकिस्तान दोनों के सामने राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत न केवल दृढ़ है बल्कि इस मुद्दे पर वैश्विक एकता चाहता है। इसके साथ ही, भारत ने अपने इस रुख से साफ संदेश दिया है कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटेगा।