पुलिस के अनुसार, गुरप्रीत 2016 से भारतीय सेना में सेवारत है और वह राणा जावेद के संपर्क में था। गुरप्रीत भारतीय सैन्य ठिकानों, सेना की गतिविधियों और अन्य संवेदनशील जानकारियां पेन ड्राइव के माध्यम से पाकिस्तान भेज रहा था। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह के मुख्य हैंडलर राणा जावेद के इशारे पर पूरे जासूसी नेटवर्क को अंजाम दिया जा रहा था। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनका उपयोग ISI के गुर्गों से संवाद करने के लिए किया जा रहा था।
दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ जारी
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन्होंने पाकिस्तान को किस तरह की गोपनीय सूचनाएं दीं। साथ ही, इस नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान करने के लिए जांच तेजी से जारी है।
जासूसी नेटवर्क खत्म करने पर जोर
डीजीपी ने जोर देकर कहा कि पंजाब पुलिस देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस जासूसी नेटवर्क से जुड़े सभी सहयोगियों की पहचान करके उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि राष्ट्रविरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
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