गाजीपुर – शहर के व्यस्ततम इलाकों — लंका, विशेश्वरगंज, सिटी रेलवे स्टेशन और मिश्रबाजार — में प्रतिदिन लगने वाले भारी जाम से त्रस्त नागरिकों को राहत दिलाने की मांग को लेकर जंगीपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठाए गए मुद्दे को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है।विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव ने सदन में ध्यान आकृष्ट प्रस्ताव के माध्यम से यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि नगर के मुख्य क्षेत्रों में जाम की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है और इसका सबसे बड़ा कारण शहर के बीचोंबीच स्थित रोडवेज बस डिपो है। उन्होंने बताया कि इस डिपो से प्रतिदिन सैकड़ों बसों का संचालन होता है, जबकि क्षेत्र की सड़कें संकरी और जर्जर हैं। निर्माण कार्य और बढ़ते यातायात ने स्थिति और बदतर बना दी है।इस समस्या के समाधान हेतु डॉ. यादव ने सरकार से रोडवेज बस डिपो को नगर से बाहर किसी उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की थी। उनके अनुसार, इससे न केवल यातायात व्यवस्थित होगा बल्कि आम जनता को राहत भी मिलेगी।सरकार ने इस मांग पर विचार करते हुए स्थानीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बी.के. पांडेय ने बताया कि रोडवेज डिपो, सिटी रेलवे स्टेशन से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यात्रियों को आवाजाही में सुविधा होती है। उन्होंने कहा कि यदि डिपो को नगर से बाहर स्थानांतरित किया गया तो यात्रियों को असुविधा होगी और विभागीय राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि गाजीपुर शहर में पहले से ही तीन निजी बस अड्डे — लंका, रौजा और जमानियां — कार्यरत हैं, जहां से बड़ी संख्या में बसों का संचालन होता है। इन तथ्यों के आधार पर राज्य सरकार ने विधायक की मांग को अस्वीकार कर दिया और डिपो को यथास्थान बनाए रखने का निर्णय लिया।इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विधायक डॉ. वीरेंद्र यादव ने कहा, “योगी सरकार गाजीपुर जैसे नगरों के विकास में कोई रुचि नहीं रखती है। जनता की परेशानी को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। मैं यह मुद्दा भविष्य में भी उठाता रहूंगा और गाजीपुर के विकास की लड़ाई जारी रखूंगा।”स्थानीय नागरिकों में भी इस मुद्दे को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि आए दिन लगने वाले जाम से दैनिक जीवन प्रभावित होता है, लेकिन प्रशासन और सरकार इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।फिलहाल, राज्य सरकार और प्रशासन रोडवेज डिपो को वर्तमान स्थान पर बनाए रखने के पक्ष में है, जिससे नागरिकों की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है।