ओडिशा के रायगड़ा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवती ने अनुसूचित जाति के युवक से प्रेम विवाह किया तो गांव वाले इस कदर नाराज हो गए कि उन्होंने लड़की के परिवार को सामाजिक बहिष्कार कर दिया। घटना काशीपुर ब्लॉक के बैगनगुड़ा गांव की है, जहां परिवार को समाज में ‘वापसी’ के लिए तुगलकी फरमान सुनाया गया।
गांववालों ने लगाया शुद्धिकरण का फरमान
सूत्रों के अनुसार, पंचायत के कथित जातीय नियमों के तहत लड़की के परिवार के 40 सदस्यों को मुंडन कराने पर मजबूर किया गया। इसके अलावा, सामाजिक स्वीकृति पाने के लिए गांव वालों ने परिवार पर जानवरों की बलि देने का दबाव बनाया। मजबूरी में परिवार को यह अमानवीय प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी।
वीडियो हुआ वायरल, प्रशासन हरकत में आया
मुंडन संस्कार करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस घटना के सामने आते ही काशीपुर ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) विजय सोय ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। बीडीओ ने अधिकारियों से मौके पर पहुंचकर जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
समाज में गहराई से जड़े जातिवाद के खिलाफ उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर समाज में गहराई से जड़े जातीय भेदभाव और कुरीतियों को उजागर किया है। संविधान में सभी को अपनी पसंद से विवाह करने का अधिकार है, फिर भी आजादी के 77 साल बाद भी इस तरह के फरमान और सामाजिक बहिष्कार जैसी प्रथाएं मानवाधिकार हनन के रूप में कायम हैं।
अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर नजरें
अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद ही इस मामले में दोषियों की पहचान होगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक बदलाव और सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है।