गाजीपुर। लघु सिंचाई विभाग ने वर्षों से एक ही जिले में जमे तीन अवर अभियंताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर अन्य जिलों में स्थानांतरित कर दिया है। 3 जून को जारी स्थानांतरण आदेश के बाद गाजीपुर के इंजीनियरिंग गलियारे में हड़कंप मच गया है। जो अधिकारी खुद को जिला स्तर का ‘राजा’ समझने लगे थे, अब उन्हें दूसरी ज़मीन नापनी होगी।विभागीय सूत्रों के अनुसार, कुछ अभियंता 15 से 18 वर्षों से गाजीपुर में जमे हुए थे। इनमें सुनील कुमार (अब मऊ स्थानांतरित), जितेंद्र बहादुर (अब आजमगढ़) और रामधनी प्रसाद (अब आजमगढ़) के नाम शामिल हैं। सुनील कुमार डीआरडीए में वर्षों से जमे थे और राजनीतिक रसूख के लिए जाने जाते थे। जितेंद्र बहादुर को विभागीय चाटुकारों में गिना जाता था, जबकि रामधनी प्रसाद स्थानीय लोगों में ‘मनमानी इंजीनियर’ के नाम से मशहूर थे।इस स्थानांतरण के बाद कई ‘सेटिंग’ और सिफारिशें बेनकाब हो गई हैं। हालांकि, सूत्रों की मानें तो अब भी कुछ अधिकारी राजनीतिक दबाव बनाकर जिले में रुकने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य अभियंता ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि स्थानांतरण आदेश को रोकने या अवहेलना की कोशिश करने वालों पर सेवा नियमों के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी।सहायक अभियंता रीना कुमारी ने कहा कि “हमने तीनों अवर अभियंताओं को कार्यमुक्त कर दिया है। जब तक स्थानांतरण पत्र नहीं आता, न तो ज्वाइन किया जाएगा और न ही पूरी तरह रिलीव किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “यह विभागीय प्रक्रिया है, इसमें कोई स्टेटमेंट की जरूरत नहीं।”इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि अब लघु सिंचाई विभाग में वर्षों से जमी कुर्सियों पर पकड़ कमजोर हो रही है और ‘स्थायी राजाओं’ का साम्राज्य डगमगा ने लगा है।