33 देशों के दौरे से लौटे नेताओं ने कहा: अब समझ आया, विदेशों में क्या कमाया भारत ने
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और भारत की वैश्विक छवि को लेकर विपक्षी दलों के सुर भी अब बदलते नजर आ रहे हैं। मंगलवार शाम प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पहुंचे सर्वदलीय डेलिगेशन के सदस्यों में शामिल कांग्रेस के तीन वरिष्ठ सांसदों ने खुले मंच पर उनकी जमकर तारीफ की।
सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण भारत से कांग्रेस के एक सांसद ने पीएम मोदी से कहा –
“हमने 11 साल में आपकी विदेश यात्राओं को सुना, देखा और विश्लेषण किया, लेकिन जब खुद हम विदेशों में जाकर वहां की सरकारों और लोगों से मिले, तब हमें पहली बार समझ आया कि आपने इन यात्राओं में कितना कुछ कमाया और दुनिया में भारत को कितनी मजबूती से स्थापित किया है।”
पीएम मोदी की रणनीति की तारीफ
एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने भी पीएम मोदी की विदेश नीति को भविष्य की राह बताने वाला बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि:
“देश को वैश्विक मंचों पर इसी तरह मजबूती से रखने के लिए भविष्य में भी अलग-अलग मुद्दों पर इस तरह के सर्वदलीय डेलिगेशन भेजे जाने चाहिए।”
पीएम मोदी ने सभी सांसदों की सराहना की
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सभी प्रतिनिधियों की पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश का पक्ष रखने के लिए दिल से तारीफ की। उन्होंने कहा कि,
“आप सबने दुनिया के सामने भारत की स्थिति को सटीक ढंग से रखा और राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा – इसके लिए मैं आप सभी का आभार प्रकट करता हूं।”
33 देशों की यात्रा – पाकिस्तान को किया बेनकाब
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार द्वारा भेजे गए इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कुल 33 देशों का दौरा किया था।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था –
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आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक समर्थन जुटाना,
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पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकी संगठनों को दिए जा रहे समर्थन को उजागर करना,
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और भारत के सुरक्षा दृष्टिकोण को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता दिलाना।
कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेता भी थे प्रतिनिधिमंडल में
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस पार्टी के ये पांच प्रमुख नेता शामिल थे:
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शशि थरूर
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मनीष तिवारी
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सलमान खुर्शीद
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आनंद शर्मा
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अमर सिंह
शशि थरूर और पीएम मोदी के बीच हाथ मिलाने का पल भी मीडिया की सुर्खियों में रहा, जो भारतीय राजनीति में सौहार्द और सहमति की झलक देता है।
राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठी राष्ट्रनीति
इस मुलाकात ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की हो, तो भारत की राजनीति एकजुट हो सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी और विपक्षी नेताओं के बीच यह संवाद सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक सशक्त और संगठित भारत की वैश्विक प्रस्तुति का प्रमाण था।
मुख्य बिंदु (Key Highlights):
कांग्रेस सांसदों ने पीएम मोदी की विदेश नीति की खुले दिल से तारीफ की
33 देशों में भारत का पक्ष रखने वाले सांसदों ने साझा किया अपना अनुभव
पीएम मोदी ने भी विपक्षी सांसदों की भूमिका को सराहा
आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की स्थिति को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता
भविष्य में भी ऐसे सर्वदलीय डेलिगेशन भेजने की मांग