
नई दिल्ली/बेंगलुरु – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब राजनीतिक विवाद गहराने लगा है। कर्नाटक कांग्रेस के विधायक कोथुर मंजूनाथ ने इस सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे सिर्फ “शो-ऑफ” करार दिया है।
“ऑपरेशन से कुछ नहीं हासिल हुआ” – कोथुर मंजूनाथ
कांग्रेस विधायक ने कहा कि इस ऑपरेशन से न तो पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय मिला, न ही यह कोई ठोस संदेश दे पाया। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा –
“उन्होंने तीन-चार जहाज उड़ाए और वापस आ गए। क्या इससे 26-28 लोगों की जान की भरपाई होगी? क्या हम महिलाओं को ऐसे मुआवजा देते हैं? क्या हम शहीदों को इसी तरह सम्मान देते हैं?”
आतंकियों की संख्या और पहचान पर उठाए सवाल
विधायक ने मारे गए आतंकवादियों की संख्या और पहचान पर भी गंभीर संदेह जताया। उन्होंने कहा,
“100 आतंकवादी मारे गए – यह कैसे साबित हुआ? क्या उन आतंकियों की पहचान सार्वजनिक की गई है? अगर वो सीमा पार करके भारत आए थे, तो सुरक्षा एजेंसियाँ कहाँ थीं? क्या यह इंटेलिजेंस फेलियर नहीं है?”
टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग पर भी निशाना
कोथुर मंजूनाथ ने मीडिया कवरेज पर भी सवाल उठाए और कहा कि हर चैनल अलग-अलग दावे कर रहा है, जिससे आम लोगों में भ्रम की स्थिति है।
“एक चैनल कहता है उन्हें ऐसे मारा, दूसरा कुछ और दिखा रहा है। हम किस पर भरोसा करें? किसे मारा गया? कौन मारा गया? सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान क्यों नहीं आया?”
“युद्ध से समाधान नहीं” – विधायक का बड़ा बयान
विधायक ने स्पष्ट कहा कि वह किसी भी देश के नागरिकों के खिलाफ युद्ध की नीति का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा,
“आप जानते हैं, कैसे उन महिलाओं के सामने उनके पतियों को मार डाला गया? क्या इस तरह न्याय होगा? यह कोई समाधान नहीं है।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया।
इसमें भारत ने 9 आतंकी अड्डों को तबाह करने और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराने का दावा किया।
विपक्ष के आरोपों से गरमाई सियासत
जहां एक ओर सरकार इस ऑपरेशन को कड़ा सैन्य जवाब बता रही है, वहीं विपक्ष अब इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रहा है। कोथुर मंजूनाथ का यह बयान आने वाले दिनों में एक बड़ी सियासी बहस को जन्म दे सकता है।