
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस उच्चस्तरीय बैठक में देश के अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस बैठक में वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में नीति आयोग द्वारा तैयार किए जा रहे विजन डॉक्युमेंट पर विस्तृत चर्चा हुई।
पहलगाम हमले के बाद पहली बड़ी बैठक
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया है। यह घटना प्रधानमंत्री मोदी की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ पहली बड़ी सामूहिक बैठक है, जिससे इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है।
आर्थिक चुनौतियों और संभावनाओं पर भी विमर्श
नीति आयोग की इस अहम बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में शुरू की गई नई पहलों, आर्थिक वृद्धि दर की संभावनाओं और वैश्विक आर्थिक तनाव के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर रणनीतिक विचार-विमर्श हुआ। अधिकारियों के अनुसार, टैरिफ विवाद और वैश्विक व्यापार में तनाव के बीच भारत की आर्थिक नीति को संतुलित और सशक्त बनाए रखने पर भी चर्चा की गई।
अमेरिकी टैरिफ और IMF-World Bank की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अप्रैल में भारतीय उत्पादों पर लगाए गए जवाबी शुल्क से उत्पन्न स्थिति पर भी मंथन किया गया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों IMF और वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक अनिश्चितता का हवाला देते हुए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर क्रमशः 6.2% और 6.3% कर दिया है, जबकि घरेलू एजेंसियों ने इसे 6.2% से 6.7% के बीच बनाए रखने की उम्मीद जताई है।
गवर्निंग काउंसिल: नीति निर्माण की नींव
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और महत्वपूर्ण केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं, राष्ट्रीय नीति निर्माण का मुख्य मंच है। पीएम मोदी इसके पदेन अध्यक्ष हैं। हर साल आयोजित होने वाली यह बैठक संघीय सहयोग और नीतिगत समन्वय का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पिछली बैठक 27 जुलाई को हुई थी, जिसमें 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अनुपस्थित रहे थे।
भारत@2047: विकसित राष्ट्र की दिशा में रोडमैप
नीति आयोग का लक्ष्य है कि भारत को वर्ष 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर (30 हजार अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाया जाए। इस दिशा में एक विस्तृत विजन डॉक्युमेंट तैयार किया जा रहा है, जो राज्यों के सहयोग से देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल कराने की नींव रखेगा।