
नई दिल्ली – कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की बात कही थी। थरूर ने साफ किया कि भारत ने किसी तीसरे पक्ष से औपचारिक मध्यस्थता की न तो मांग की, न ही किसी तरह की मध्यस्थता की प्रक्रिया को स्वीकार किया
❝ भारत ने विश्व नेताओं को दी कार्रवाई की जानकारी, पर कोई औपचारिक मध्यस्थता नहीं ❞
शशि थरूर, जो एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका दौरे पर रवाना हो रहे हैं, ने कहा:
“हमारी सरकार ने दुनिया के कई नेताओं को पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई की जानकारी दी है। लेकिन यह कहना कि कोई औपचारिक मध्यस्थता हुई, पूरी तरह गलत है। न हमने अनुरोध किया, न ही किसी प्रक्रिया को चलाया गया।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब भारत की विदेश नीति संकट से जूझ रही होती है, तब वह राष्ट्रहित में विश्व नेताओं से संवाद करता है — लेकिन इसका अर्थ मध्यस्थता नहीं होता।
“आप हमें फोन करते हैं, हम बताते हैं कि हमने क्या किया और क्यों किया। आप आगे जाकर वह किसी और को बताते हैं, तो क्या वह मध्यस्थता कहलाएगा? मेरे शब्दकोश में तो ऐसा नहीं होता।”
🗨️ “ट्रंप कर रहे हैं श्रेय का दावा, लेकिन सच्चाई कुछ और है”
थरूर ने कहा कि भारत हमेशा रचनात्मक संवाद के लिए तैयार रहता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई तीसरा पक्ष समाधान में शामिल रहा हो।
“हमारे विदेश मंत्री हर अंतरराष्ट्रीय संवाद को पारदर्शिता के साथ ट्वीट करते रहे हैं। कई विदेश मंत्रियों ने हमें फोन कर चिंता जताई, हमने सभी को स्पष्ट संदेश दिया।”
अमेरिका रवाना हुआ भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
इस बीच, डॉ. शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका का दौरा कर रहा है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और ऑपरेशन सिंदूर के पीछे भारत के कदमों को विश्व समुदाय के सामने रखना है।
इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं:
- शंभाभी (झामुमो)
- जी.एम. हरीश बालयोगी (तेदेपा)
- शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा)
- भुवनेश्वर कलिता (भाजपा)
- मिलिंद देवड़ा (शिवसेना)
- तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
- तरणजीत सिंह संधू (पूर्व राजनयिक)
पृष्ठभूमि: ट्रंप का दावा
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में अमेरिका की भूमिका थी, और यह व्यापार वार्ता के जरिए हासिल किया गया। भारत ने हालांकि इस बयान को गंभीरता से न लेते हुए दो टूक जवाब दिया है।
डॉ. शशि थरूर का बयान भारत की विदेश नीति की स्वायत्तता, पारदर्शिता और रणनीतिक स्पष्टता को रेखांकित करता है। उनका अमेरिका दौरा भारत की कूटनीतिक सक्रियता और आतंकी नेटवर्क के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में एक अहम कदम है।