
वाराणसी, 28 अप्रैल 2025 —
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता हरीश मिश्रा उर्फ ‘बनारस वाले मिश्रा जी’ ने जेल से रिहाई के बाद जोरदार ऐलान किया कि उनका संघर्ष अब और तेज होगा। सोमवार को 14 दिन बाद वाराणसी जिला जेल से बाहर आते ही उनका सपा कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया और फूलों की वर्षा की।
जेल के बाहर समर्थकों को संबोधित करते हुए हरीश मिश्रा ने कहा,
“जेल हमारे इरादे को नहीं तोड़ सकती। मेरी लड़ाई स्वाभिमान की लड़ाई है और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की लड़ाई को हम और मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।”
राजनीतिक संकेत साफ़
हरीश मिश्रा के सम्मान के साथ जेल से रिहाई पर सपा की सक्रियता को आगामी राजनीतिक रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी ने साफ संकेत दिया कि वह मिश्रा के संघर्ष के साथ खड़ी है। कई सपा नेता काफिले के साथ जेल पहुंचे थे और नारेबाजी करते हुए उन्हें नायक की तरह जेल से बाहर लेकर आए।
पृष्ठभूमि: करणी सेना विवाद और गिरफ्तारी
12 अप्रैल को वाराणसी के सिगरा थाना क्षेत्र में करणी सेना का समर्थन करने वाले दो युवकों, अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय, के साथ सपा नेता हरीश मिश्रा और उनके समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। इस घटना में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए थे।
- हरीश मिश्रा का आरोप था कि करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया।
- वहीं अविनाश और स्वास्तिक ने सपा नेता पर मारपीट का आरोप लगाया।
14 अप्रैल को पुलिस ने हरीश मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
गुरुवार को मिली थी जमानत
विशेष न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत ने 25 अप्रैल को सुनवाई के दौरान हरीश मिश्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी। अदालत ने एक-एक लाख रुपये के दो जमानतदारों और व्यक्तिगत मुचलके पर उनकी रिहाई के आदेश दिए।
आगे की रणनीति
हरीश मिश्रा ने यह भी संकेत दिया कि वह जल्द ही पूरे प्रदेश में यात्राएं करेंगे और पीडीए वर्ग के हक की लड़ाई को जन आंदोलन का रूप देंगे। सपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी भी इस मुद्दे को आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है।