
Waqf amendment act: वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है जो भारत में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों (वक्फ संपत्तियों) के प्रबंधन और निगरानी के लिए जिम्मेदार है। इन संपत्तियों का उपयोग धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक कल्याण के उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
वक्फ क्या है?
इस्लामी कानून के अनुसार, वक्फ एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी चल या अचल संपत्ति को धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए स्थायी रूप से दान करता है। एक बार वक्फ घोषित की गई संपत्ति को बेचा, उपहार में दिया या विरासत में नहीं दिया जा सकता। इसका स्वामित्व अल्लाह के नाम पर होता है, और इसकी देखरेख के लिए एक मुतवल्ली (प्रबंधक) नियुक्त किया जाता है।
वक्फ बोर्ड का इतिहास
भारत में वक्फ की परंपरा 12वीं शताब्दी में शुरू हुई, जब सुल्तान मुइज़ुद्दीन ग़ोरी ने मुल्तान की जामा मस्जिद के लिए दो गांव दान किए। ब्रिटिश शासन के दौरान 1923 में ‘मुसलमान वक्फ अधिनियम’ पारित किया गया, जिसने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और प्रबंधन के लिए कानूनी ढांचा प्रदान किया। 1954 में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की स्थापना हुई, और 1995 में वक्फ अधिनियम को और सुदृढ़ किया गया।
वक्फ बोर्ड की संरचना और कार्य
वर्तमान में, भारत में केंद्रीय वक्फ परिषद और विभिन्न राज्य वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं। इनका मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का संरक्षण, प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित करना है। वे वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण, पंजीकरण, विवादों का समाधान और मुतवल्लियों की नियुक्ति जैसे कार्य करते हैं।
वक्फ अधिनियम, 1995 और संशोधन
1995 का वक्फ अधिनियम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। इसमें वक्फ बोर्डों की स्थापना, वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण, मुतवल्लियों की नियुक्ति और वक्फ से संबंधित विवादों के समाधान के लिए प्रावधान शामिल हैं।
2024 में, सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इस विधेयक में कुछ प्रमुख बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जैसे:
• वक्फ घोषित करने वाले व्यक्ति को कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाला होना चाहिए।
• सरकारी संपत्तियों को वक्फ के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी।
• वक्फ बोर्डों में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
• वक्फ बोर्डों में दो मुस्लिम महिला सदस्यों की नियुक्ति अनिवार्य होगी।
इस विधेयक को लेकर विभिन्न मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने विरोध जताया है, और इसकी संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
वक्फ बोर्ड भारत में मुस्लिम धर्मार्थ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के माध्यम से सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने का प्रयास किया है, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों को लेकर विवाद भी उत्पन्न हुए हैं। इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाले समय में वक्फ प्रबंधन की दिशा को निर्धारित करेगा।