
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रडार पर हैं। मंगलवार, 15 अप्रैल को वाड्रा से करीब 6 घंटे की पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए। मामला है 2008 में हरियाणा के शिकोहपुर में हुए ज़मीन सौदे का, जिसके तार मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े बताए जा रहे हैं।
पूछताछ का पहला दौर:
ईडी अधिकारियों ने वाड्रा से सवालों की झड़ी लगा दी। सूत्रों के मुताबिक, वाड्रा से पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत दो चरणों में पूछताछ की गई। दोपहर में लंच ब्रेक के बाद पूछताछ का दूसरा दौर चला – जो शाम तक जारी रहा।
16 अप्रैल को फिर बुलाया गया:
मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी ने वाड्रा को बुधवार सुबह 11 बजे फिर से पेश होने को कहा है। एजेंसी का दावा है कि उन्हें कई ज़रूरी सवालों के जवाब अभी बाकी हैं।
वाड्रा का जवाब: ये राजनीतिक प्रतिशोध है!
ईडी दफ्तर जाते समय पत्रकारों से बात करते हुए वाड्रा ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई ‘राजनीतिक बदले की भावना’ से प्रेरित है।
“जब भी मैं अल्पसंख्यकों या वंचितों की आवाज़ उठाता हूं, ये एजेंसियां मुझे चुप कराने की कोशिश करती हैं। ये सीधे तौर पर एजेंसी का दुरुपयोग है।”
वाड्रा ने ये भी कहा कि उन्होंने पहले भी हजारों पन्नों की जानकारी साझा की है, लेकिन अब भी उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है।
🧱 ज़मीन का सौदा और विवाद की जड़:
मामला जुड़ा है हरियाणा के गुरुग्राम (शिकोहपुर, सेक्टर 83) की 3.5 एकड़ जमीन से, जिसे वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने फरवरी 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से ₹7.5 करोड़ में खरीदा था। उस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, और मुख्यमंत्री थे भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
चार साल बाद, 2012 में यह ज़मीन DLF को ₹58 करोड़ में बेची गई। यही सौदा विवादों में तब आया जब IAS अफसर अशोक खेमका ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए रद्द कर दिया।
⚖️ ED का आरोप: पूरा खेल था लॉन्ड्रिंग का!
ईडी का दावा है कि ये सौदा नियमों की अनदेखी और धोखाधड़ी के जरिए किया गया।
- 2018 में हरियाणा पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की।
- वाड्रा को पहले 8 अप्रैल को तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने अगली तारीख मांगी थी।
देश से विदेश तक फैले तार:
2023 में ईडी ने यूएई के कारोबारी सी.सी. थम्पी, ब्रिटेन के हथियार सलाहकार संजय भंडारी और उनके रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
आरोप: इन लोगों ने वाड्रा के लिए हरियाणा में ज़मीनें खरीदीं और इन सौदों को नकद लेनदेन से छुपाया गया।
प्रियंका गांधी का भी नाम आया!
ईडी के चार्जशीट में ये भी खुलासा हुआ कि वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अप्रैल 2006 में फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में 5 एकड़ ज़मीन खरीदी और फरवरी 2010 में वही ज़मीन फिर से एच.एल. पाहवा को बेच दी।
हालांकि, चार्जशीट में न तो प्रियंका और न ही वाड्रा को प्रत्यक्ष आरोपी बनाया गया है।
❓अब सवाल ये हैं:
- क्या ये मामला वाकई मनी लॉन्ड्रिंग का है या राजनीतिक बदले की कार्रवाई?
- वाड्रा को बार-बार पूछताछ के लिए क्यों बुलाया जा रहा है?
- क्या कभी इस मामले में किसी बड़े राजनीतिक चेहरे पर कार्रवाई होगी?
जवाबों की तलाश जारी है… और सबकी नज़र अब 16 अप्रैल की अगली पूछताछ और कोर्ट की भविष्य की कार्रवाई पर टिकी है।