
Rahu Mukha in Building Construction: हम भवन निर्माण का विचार कर रहें है तो सबसे पहले इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि शल्यशोधन एंव नींव के निमित्त भूमि खनन किस दिशा से प्रारम्भ किया जाये, इस निर्णय के लिए हमें राहु का मुख, पेट व पूछ की स्थिति का ज्ञान करना होगा, क्योंकि सर्पाकार राहु प्रत्येक भूखण्ड में अपना शरीर फैलाये हुये लेटा रहता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार भूखनन प्रारम्भ करते समय राहु के शरीर के किसी भाग पर प्रहार हुआ तो गृहस्वामी का अनिष्ट होना लगभग तय होता है। अतः भूखनन का प्रारम्भ वहीं से किया जाये जहा राहु के शरीर का कोई भी अवयव न पड़े।
अब सवाल उठता है कि भूखण्ड में राहु की स्थिति कैसे जानें
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि राहु की स्थिति सूर्य के राशि परिर्वतन के हिसाब से बदलती रहती है। जैसे-सूर्य जब वृष, मिथुन व कर्क राशि में होता है तो राहु का मुख भूमि के आग्नेय कोण में होता है। सिंह, कन्या व तुला राशि में सूर्य होने पर राहु का मुख ईशान कोण में, वृश्चिक, धनु व मकर राशि में सूर्य के रहने पर राहु का मुख वायव्य कोण में और कुम्भ, मीन व मेष राशि में सूर्य राशि के होने से राहु का मुख नैऋत्य कोण में होता है। राहु का मुख जिस दिशा में होता है उसके पिछले दो कोणों में क्रमशः पेट व पूंछ होती है।
किस दिशा से प्रारम्भ करें नींव की खुदाई-
1-यदि सूर्य वृष, मिथुन, कर्क राशि में हो तो गृहभूमि का खनन प्रारम्भ नैऋत्य कोण में करना चाहिए।
2- यदि सूर्य सिंह, कन्या व तुला राशि में हो तो गृहभमि की खुदाई का आरम्भ आग्नेय कोण से करना चाहिए।
3-अगर सूर्य वृश्चिक, धनु व मकर राशि में रहें तो गृहभूमि का खनन ईशान कोण में करना लाभकारी रहता है।
4-जब सूर्य कुम्भ, मीन व मेष राशि में हो तो भवन निर्माण के लिए नींव खोदना वायव्य कोण से प्रारम्भ करना चाहिए।
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✍🏻ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मो.- 9993652408, 7828289428