
Premanand Maharaj Darshan: वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की प्रसिद्ध रात्रि पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस निर्णय की घोषणा श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की ओर से की गई, जिससे हजारों भक्तों में भावनात्मक माहौल बन गया। इस यात्रा को रोकने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें संत की सेहत और बढ़ती भीड़ मुख्य कारण माने जा रहे हैं।
हर रात 2 बजे निकलती थी पदयात्रा
संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन रात 2 बजे श्रीकृष्ण शरणम् आश्रम से श्री राधा केलिकुंज तक परिक्रमा करते थे। इस दौरान हजारों श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए सड़क किनारे घंटों इंतजार करते थे। उनकी पदयात्रा को देखने के लिए देशभर से भक्त वृंदावन पहुंचते थे।
अब यह रात्रि यात्रा स्थगित कर दी गई है और भक्त रात के समय दर्शन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, आज सुबह 4 बजे प्रेमानंद महाराज कार से पहुंचे और भक्तों से मुलाकात करने के बाद पैदल ही वृंदावन की ओर चले गए।
क्यों रोकी गई पदयात्रा?
संत प्रेमानंद महाराज के भक्तों के अनुसार, उनकी पदयात्रा के दौरान ढोल-नगाड़े बजाए जाते थे, आतिशबाजी होती थी, और कलाकार प्रस्तुति देते थे। यह नजारा रोज़मर्रा की बात थी, लेकिन छुट्टियों या त्यौहारों पर भारी भीड़ जुटने से शोरगुल और ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ जाता था।
महाराज के शिष्यों के मुताबिक, रास्ते में पड़ने वाली कॉलोनियों के निवासियों को रात्रि के समय होने वाले शोरगुल से परेशानी न हो, इसलिए उन्होंने पदयात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया।
सेहत और भीड़ को देखते हुए लिया गया निर्णय
आश्रम की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि संत प्रेमानंद की सेहत और लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। भीड़ के बढ़ते दबाव के चलते व्यवस्थाओं को बनाए रखना कठिन हो रहा था, जिसके चलते आश्रम प्रशासन ने रात्रि पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोकने का फैसला किया।
भक्तों में भावनात्मक माहौल
प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा बंद होने की खबर मिलते ही भक्त भावुक हो गए। कई श्रद्धालु जो हर रात महाराज के दर्शन के लिए इंतजार करते थे, वे मायूस नजर आए। भविष्य में महाराज के पदयात्रा दर्शन की इच्छा रखने वाले भक्त भी इस फैसले से निराश हुए।
हालांकि, भक्तों को उम्मीद है कि किसी न किसी रूप में प्रेमानंद महाराज के दर्शन का अवसर उन्हें मिलता रहेगा और वे अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन से भक्तों का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।