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BJP MLA Raja Singh tells Ayyappa devotees not to visit mosque: राजा सिंह ने अयप्पा भक्तों से उनकी धार्मिक आस्थाओं और ‘अयप्पा दीक्षा’ के नियमों का पालन करने की अपील की है। तेलंगाना के गोशामहल से बीजेपी विधायक ने केरल में सबरीमला मंदिर जाने वाले भक्तों से कहा कि वे अपनी तीर्थयात्रा के दौरान मस्जिदों में न जाएं। सिंह ने इसे एक “साजिश” करार दिया और भक्तों को “अशुद्ध” होने से बचने की सलाह दी।
अयप्पा दीक्षा का पालन आवश्यक: राजा सिंह
राजा सिंह ने कहा कि ‘अयप्पा दीक्षा’ के नियम कड़े और पवित्र हैं। उन्होंने भक्तों को आगाह किया कि मस्जिदों में जाने से उनकी धार्मिक साधना प्रभावित हो सकती है। सिंह ने कहा:
“अयप्पा दीक्षा के दौरान भक्तों को अपनी पवित्रता बनाए रखनी होती है। मस्जिद में जाने से यह पवित्रता भंग हो सकती है। भक्तों को इस साजिश को समझना चाहिए।”
“मस्जिद में जाने के लिए मजबूर करना एक साजिश”
राजा सिंह ने आरोप लगाया कि अयप्पा भक्तों को मस्जिदों में जाने के लिए मजबूर करना एक गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं भक्तों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास हैं। सिंह ने केरल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास भक्तों के लिए उचित आश्रयस्थल बनाने का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे भक्तों को मजबूरन मस्जिदों में जाना पड़ता है।
भक्तों के लिए 10 एकड़ जमीन का सुझाव
राजा सिंह ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, रेवंत रेड्डी और एन. चंद्रबाबू नायडू, से अपील की कि वे केरल सरकार को पत्र लिखें। उन्होंने सुझाव दिया कि अयप्पा भक्तों के लिए 10 एकड़ जमीन प्रदान की जाए, जहां उनके ठहरने के लिए आश्रयस्थल बनाए जा सकें। सिंह ने कहा कि यह भूमि भक्तों को अपनी तीर्थयात्रा को पवित्रता और सम्मान के साथ पूरा करने में मदद करेगी।
अयप्पा भक्तों की समस्याओं पर ध्यान जरूरी
सिंह ने कहा कि अयप्पा भक्त हर साल बड़ी संख्या में सबरीमला मंदिर की यात्रा करते हैं, लेकिन उनके लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा:
“भक्तों की समस्याओं को हल करना सरकार की जिम्मेदारी है। आश्रयस्थलों की कमी के कारण भक्तों को मस्जिदों या अन्य जगहों पर रुकना पड़ता है, जिससे उनकी आस्था प्रभावित होती है।”
अयप्पा दीक्षा और श्रद्धा की पवित्रता का मुद्दा
राजा सिंह ने अपने बयान में अयप्पा दीक्षा की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने भक्तों से अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में अपनी धार्मिक साधना और पवित्रता से समझौता न करें।
सिंह ने कहा कि यह जरूरी है कि भक्तों के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार किया जाए, जहां वे बिना किसी रुकावट के अपनी तीर्थयात्रा को पूर्ण कर सकें।
विवाद और राजनीति का नया मुद्दा?
राजा सिंह का यह बयान न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक बहस का भी कारण बन गया है। जहां एक ओर बीजेपी विधायक ने इसे आस्था का मुद्दा बताया, वहीं विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास करार दिया।अयप्पा भक्तों की तीर्थयात्रा और ‘अयप्पा दीक्षा’ की पवित्रता बनाए रखने के लिए राजा सिंह का यह बयान महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस मुद्दे ने धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर बहस को जन्म दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केरल सरकार और अन्य राज्य सरकारें भक्तों की समस्याओं को हल करने के लिए क्या कदम उठाती है
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VIKAS TRIPATHI
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