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TDP के उत्तराधिकारी नारा लोकेश ने विधानसभा में तीखा हमला करते हुए YSR कांग्रेस पार्टी (YCP) के खिलाफ आरोप लगाया कि पार्टी के विधायकों ने उनकी मां नारा भुवनेश्वरी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया। लोकेश ने यथासम्भाव यपीसी के विधायकों की शर्मनाक हरकतों का जिक्र किया, जिन्होंने उनकी मां को अपमानित किया, जबकि वह विधानसभा में उपस्थित भी नहीं थीं। उनके आरोपों को ठोस तथ्यों से समर्थन मिला, और उन्होंने यपीसी को आरोप लगाया कि वे सदन में शिष्टाचार की सीमाओं को पार कर गए।
अंबाती रामबाबू की प्रतिक्रिया:
इसके जवाब में, अंबाती रामबाबू, यपीसी के वरिष्ठ नेता, ने इन आरोपों को खारिज करते हुए लोकेश से चुनौती दी कि वह साबित करें कि उनकी मां को विधानसभा में अपमानित किया गया था। रामबाबू ने आत्मविश्वास से कहा, “अगर आप साबित कर दें कि आपकी मां को विधानसभा में अपमानित किया गया था, तो मैं सार्वजनिक माफी मांगूंगा और राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा।”
कई लोग इस दावे को संदिग्ध मानते हुए 2022 के उस घटनाक्रम को याद करते हैं, जब चंद्रबाबू नायडू, लोकेश के पिता, ने अपनी पत्नी नारा भुवनेश्वरी के खिलाफ यपीसी नेताओं द्वारा कथित अपमान के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बावजूद, अंबाती ने इस घटना की गंभीरता को नकारा।
TDP का सबूत:
अपने आरोपों को प्रमाणित करने के लिए, TDP ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अंबाती रामबाबू को आंध्र प्रदेश विधानसभा के दौरान चंद्रबाबू नायडू और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया। इस वीडियो में अंबाती ने नायडू परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने के लिए आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं।
चुनौती:
अब जब TDP ने वीडियो के रूप में ठोस सबूत पेश किया है, सवाल उठता है कि क्या अंबाती रामबाबू अपनी चुनौती का पालन करेंगे और राजनीति से इस्तीफा देंगे जैसा कि उन्होंने वादा किया था। एक TDP समर्थक ने टिप्पणी की, “अब अंबाती के पास राजनीति से इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि यह सबूत बहुत स्पष्ट है।” यह राजनीतिक विवाद अभी भी गरमा रहा है, और दोनों दल आरोप-प्रत्यारोप में उलझे हुए हैं।
निष्कर्ष:
यह बढ़ता विवाद अब अंबाती रामबाबू पर दबाव डाल रहा है। TDP द्वारा उनके पिछले कृत्यों के ठोस प्रमाण पेश किए जाने के बाद, यपीसी नेता पर यह दबाव है कि वह या तो अपनी चुनौती वापस लें या फिर अपने शब्दों के परिणामों का सामना करें। यह राजनीतिक कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, और राजनीतिक पर्यवेक्षक यह देखेंगे कि यह कैसे आगे बढ़ता है।
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VIKAS TRIPATHI
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