Friday, December 5, 2025
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चार साल बाद पुतिन भारत पहुंचे, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली यात्रा — भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा

करीब चार साल बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर पहुंचे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इससे पहले पुतिन 6 दिसंबर 2021 को भारत आए थे।

गुरुवार शाम करीब 7 बजे पुतिन दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत किया। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और गले लगकर अभिवादन किया। एयरपोर्ट पर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत हुआ, जिसमें कलाकारों ने भारतीय सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया।

उसके बाद दोनों नेता एक ही कार में बैठकर प्रधानमंत्री आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के सम्मान में एक अनौपचारिक डिनर का आयोजन किया। डिनर के दौरान प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी हुई भगवद्गीता की प्रति भेंट की, जिसे पुतिन ने विशेष भावनाओं के साथ स्वीकार किया। उनके दौरे का पहला दिन पूर्ण रूप से गरमजोशी, व्यक्तिगत संबंधों और कूटनीतिक संदेशों का प्रतीक रहा।


पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन: पूरा कार्यक्रम

दूसरे दिन पुतिन का शेड्यूल बेहद व्यस्त और रणनीतिक है। उनके कार्यक्रम में रक्षा, व्यापार, अंतरिक्ष, ऊर्जा, आर्थिक साझेदारी और सांस्कृतिक सहयोग से जुड़े कई अहम आयाम शामिल हैं।

दूसरे दिन का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:

समय कार्यक्रम
सुबह 9:00 बजे राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर
10:00 बजे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि
11:00 बजे हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक
शाम 4:00 बजे हैदराबाद हाउस में भारत-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित
शाम 5:00 बजे भारत मंडपम में उद्योग जगत के नेताओं से मुलाकात
शाम 7:00 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से स्टेट डिनर
रात 9:00 बजे पुतिन का भारत से मॉस्को के लिए प्रस्थान

चार साल बाद पुतिन भारत पहुंचे, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली यात्रा — भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा

विश्व की नजर इस यात्रा पर

पुतिन की इस यात्रा को वैश्विक राजनीति, व्यापार और कूटनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद रूस अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई देशों से दूर हुआ है, वहीं भारत-रूस संबंध लगातार मजबूत बने हुए हैं।

इस दौरे के दौरान 25 प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिनमें शामिल होंगे:

1.रक्षा और सुरक्षा                            2.ऊर्जा और परमाणु सहयोग

3.खाद्य और हेल्थ सेक्टर                     4.अंतरिक्ष शोध

5.संस्कृति और टेक्नोलॉजी                   6.व्यापार और निवेश

इनमें से 10 सरकारी स्तर पर और 15 से अधिक व्यापार एवं निजी समझौते होंगे।


भारत-रूस संबंध: समय की कसौटी पर मजबूत साझेदारी

भारत और रूस दशकों से रणनीतिक, आर्थिक और रक्षा साझेदारी के मजबूत स्तंभ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा—“भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है।”

पुतिन ने भी अपने बयान में कहा—“भारत के साथ हमारे रिश्तों का इतिहास अद्वितीय है और हम परस्पर सम्मान और विश्वास पर आगे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा—“मोदी में नए विचार और काम के प्रति नई ऊर्जा है।”

राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा सिर्फ दो देशों के बीच औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच भारत-रूस की पुरानी दोस्ती को पुनः मजबूत करने का संकेत है। आने वाले समझौते और निर्णय इंडो-पैसिफिक, वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा बाजार और अंतरराष्ट्रीय नीति को प्रभावित कर सकते हैं।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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