Friday, December 5, 2025
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नई दिल्ली में 22वें भारत-रूस अंतर-सरकारी रक्षा आयोग की बैठक; दोनों पक्षों ने रणनीतिक साझेदारी पर एकमत

नई दिल्ली — नई दिल्ली में आयोजित 22वें भारत-रूस अंतर-सरकारी रक्षा आयोग (IGC) की बैठक में दोनों देशों ने अपने पारंपरिक और रणनीतिक रक्षा सम्बन्धों की पुष्टि की। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉफ ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का अभिनंदन करते हुए कहा कि भारत-रूस की दोस्ती गहरी परंपराओं और आपसी सम्मान पर आधारित है और समय की कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने बेहतर मेहमान-नवाजी के लिए भारत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का विशेष धन्यवाद भी दिया।

बेलोउसॉफ ने बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व में राजनाथ सिंह से मुलाकात में कहा, “भारत और रूस गहरी परंपराओं से जुड़े हैं। हमारी दोस्ती रणनीतिक महत्व रखती है और यह न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्थिरता में भी अहम योगदान देती है। भारत के साथ हमारी साझेदारी दक्षिण एशिया में संतुलनकारी शक्ति का काम करती है।”

नौसेना दिवस और द्वितीय विश्व युद्ध की स्मृतियाँ

रूसी रक्षा मंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध (1941–45) में विजय की 80वीं वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रमों में भारत की भागीदारी के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने भारतीय नौसेना को राष्ट्रीय नौसेना दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा, “रूस, भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण में व्यापक सहयोग कर रहा है। मैं भारतीय नौसेना, उसके कमांडरों और सभी नाविकों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।”

बेलोउसॉफ ने यह भी कहा कि भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग रक्षा क्षेत्र में पारस्परिक हितों पर आधारित निर्णयों और संयुक्त प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। “आज हम पिछले कामों की समीक्षा कर रहे हैं और भविष्य के लिए नए लक्ष्य तय करेंगे,” उन्होंने जोड़ा।

भारत: रूस का भरोसेमंद रक्षा साझेदार

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हालिया वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद रूस भारत का विश्वासपात्र और रणनीतिक रक्षा साझेदार बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी बैठक दोनों देशों की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगी।

राजनाथ सिंह ने बैठक को भारत-रूस रक्षा सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने, संयुक्त उत्पादन बढ़ाने, तकनीकी सहयोग सुदृढ़ करने और सैन्य आदान-प्रदान को तीव्र करने के अवसर के रूप में महत्वपूर्ण बताया।

आगे की राह

बैठक का एजेंडा पारंपरिक रक्षा सहयोग के साथ-साथ आधुनिककरण-प्रक्रियाओं, सामरिक उपकरणों के संयुक्त विकास तथा प्रशिक्षण और अभ्यासों के समन्वय पर केंद्रित रहा। दोनों पक्षों ने बताया कि आयोग आगामी महीनों में पिछले प्रोजेक्टों की समीक्षा के आधार पर नए संयुक्त कार्य-योजनाएँ तय करेगा, ताकि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और प्रभावी ढंग से आगे बढ़े।

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