Wednesday, July 30, 2025
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केरल में फिर निपाह का खतरा! पलक्कड़ में संदिग्ध संक्रमण से 57 वर्षीय व्यक्ति की मौत, राज्य में हाई अलर्ट

तिरुवनंतपुरम / पलक्कड़ – केरल में निपाह वायरस एक बार फिर डर का कारण बन गया है। पलक्कड़ जिले में एक 57 वर्षीय व्यक्ति की 12 जुलाई को संदिग्ध संक्रमण से मौत के बाद सरकार ने क्षेत्र में निगरानी और एहतियात के कदम तेज कर दिए हैं। यह पिछले कुछ ही दिनों में राज्य में निपाह से जुड़ी दूसरी मौत है, जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

प्रारंभिक जांच में निपाह की पुष्टि, एनआईवी पुणे की रिपोर्ट का इंतजार

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि मृतक को पलक्कड़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहां से लिए गए नमूनों की मंजेरी मेडिकल कॉलेज में जांच की गई, जहां निपाह वायरस की पुष्टि के शुरुआती संकेत मिले हैं। हालांकि, अंतिम पुष्टि के लिए नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), पुणे भेजे गए हैं।

मलप्पुरम में एक और मौत, तीसरा मरीज अस्पताल में भर्ती

इससे पहले मलप्पुरम जिले में भी निपाह संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। वहीं, पलक्कड़ का एक अन्य मरीज अब भी इलाजरत है। इन मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दोनों जिलों में सघन निगरानी और संपर्क पहचान (Contact Tracing) अभियान शुरू कर दिया है।

CCTV और मोबाइल डेटा से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, 46 संभावित संपर्क चिन्हित

सरकार ने मरीज के संपर्क में आए कम से कम 46 लोगों की सूची तैयार की है। इनकी पहचान CCTV फुटेज और मोबाइल टावर लोकेशन डेटा की मदद से की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, क्षेत्र में बुखार के लक्षणों पर विशेष नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार फील्ड टीमों को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

छह जिलों को ‘निपाह अलर्ट’, अस्पतालों को तुरंत रिपोर्टिंग के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय के अनुसार, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर, वायनाड और त्रिशूर के अस्पतालों को निपाह अलर्ट जारी किया गया है। सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि बुखार, तेज सिरदर्द और इंसेफेलाइटिस जैसे लक्षणों वाले मरीजों की तुरंत रिपोर्ट करें।

एहतियाती कदम: अस्पतालों में मास्क अनिवार्य, विजिटर्स पर रोक

अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें मरीज, तीमारदार और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।

इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात को सीमित किया गया है। प्रत्येक मरीज के साथ केवल एक तीमारदार को अनुमति दी जा रही है।

प्रशासन ने जनता से अनावश्यक अस्पताल विजिट से बचने की अपील की है, ताकि संक्रमण की संभावित श्रृंखला को तोड़ा जा सके।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है, जो जानवरों (मुख्यतः फल खाने वाले चमगादड़ों) से इंसानों में फैलता है। यह इंसानों में ब्रेन इंफेक्शन (इंसेफेलाइटिस), तेज बुखार, उल्टी, सिरदर्द और बेहोशी का कारण बनता है। इसकी मृत्यु दर 40% से 75% तक हो सकती है, और फिलहाल इसका कोई निश्चित इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।


केरल में निपाह वायरस का फिर से सिर उठाना सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चेतावनी है। सरकार द्वारा उठाए गए त्वरित कदम सराहनीय हैं, लेकिन इस संक्रमण पर काबू पाने के लिए जनता की सतर्कता और सहयोग भी उतना ही जरूरी है।

अपने लक्षणों पर नजर रखें, अनावश्यक अस्पताल यात्राओं से बचें, मास्क पहनें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

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VIKAS TRIPATHI
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