
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत सीपीआई (माओवादी) संगठन की एक सक्रिय महिला सदस्य को गिरफ्तार किया है। यह 23 वर्षीय महिला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदाबुरु गांव की रहने वाली है, जो अपनी असली पहचान छुपाकर दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में रह रही थी और महाराणा प्रताप एन्क्लेव में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर रही थी।
सूचना के बाद हुई कार्रवाई
4 मार्च को दिल्ली क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि वांछित महिला नक्सली राजधानी में छिपी हुई है। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने पीतमपुरा में छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
कैसे बनी नक्सली?
गिरफ्तार महिला का जन्म 1 जनवरी 2002 को झारखंड के कुदाबुरु गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी इस बच्ची को महज 10 साल की उम्र में एक माओवादी बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसने परिवार को यह भरोसा दिलाया कि वहां उसे बेहतर भोजन, देखभाल और सुरक्षा मिलेगी।
2016 में महिला ने कुख्यात नक्सली नेता रमेश के नेतृत्व वाले सीपीआई (माओवादी) संगठन में शामिल होकर कोल्हान जंगलों में प्रशिक्षण लिया। इस शिविर में 300-450 नक्सली रहते थे, जिनमें 40-50 महिलाएं और 4-5 बच्चे भी शामिल थे। यहां उसे उग्रवाद की कठोर ट्रेनिंग दी गई और अत्याधुनिक हथियार चलाने में दक्ष बनाया गया।
नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता
गिरफ्तार महिला ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उसने एसएलआर, इंसास, एलएमजी, हैंड ग्रेनेड और .303 राइफल जैसे घातक हथियारों को चलाने में महारत हासिल कर ली थी। गश्त के दौरान वह आमतौर पर इंसास राइफल लेकर चलती थी।
वह तीन बड़े नक्सली हमलों में शामिल रही:
1. 2018 – कोल्हान जंगल में झारखंड पुलिस से मुठभेड़
2. 2019 – पोराहाट जंगल में पुलिस बल से टकराव
3. 2020 – सोनुआ में पुलिस से सीधी भिड़ंत
दिल्ली में बदली पहचान, बनी घरेलू सहायिका
संगठन के आदेश पर 2020 में वह अपनी पहचान बदलकर दिल्ली आ गई। यहां उसने नोएडा और दिल्ली के विभिन्न इलाकों में घरेलू सहायिका के रूप में काम किया और खुद को छुपाकर रखा।
झारखंड में उसके खिलाफ पहले से ही एक मामला दर्ज था, जिसमें 26 मार्च 2023 को SDJM (P), चाईबासा, झारखंड ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
क्राइम ब्रांच की बड़ी कामयाबी
दिल्ली पुलिस ने महिला को CRPC की धारा 41.1 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 35(1)(C) के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है। यह गिरफ्तारी न केवल क्राइम ब्रांच की एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि माओवादी संगठन अब महानगरों में गुप्त रूप से बसकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल पुलिस महिला से गहराई से पूछताछ कर रही है, ताकि उसके संपर्कों और संगठन की आगे की योजनाओं का खुलासा किया जा सके।

VIKAS TRIPATHI
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