
पटना, 29 मई 2025
बिहार में खेती को वैज्ञानिक आधार देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ गुरुवार को पटना के मीठापुर स्थित कृषि भवन में किया गया। इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि यह सिर्फ खेतों में हरियाली लाने की पहल नहीं, बल्कि किसानों की खुशहाली का संकल्प है।
प्रखंड स्तर तक पहुंचेगा अभियान
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान राज्य के हर प्रखंड स्तर तक पहुंचेगा, जहां किसान संकल्प सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन सभाओं के जरिए किसानों को न केवल कृषि की नवीनतम तकनीकों से जोड़ा जाएगा, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं, अनुदानों और फसल आधारित सुझावों की भी जानकारी दी जाएगी। “सरकार का लक्ष्य विज्ञान और तकनीक के माध्यम से किसानों की आमदनी को दोगुना करना है,” उन्होंने कहा।
वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधा संवाद
अभियान के तहत राज्य भर में कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है। इस संवाद का उद्देश्य किसानों की स्थानीय समस्याओं को समझकर वैज्ञानिक समाधान देना है। इसके लिए भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना के नेतृत्व में बिहार के 44 कृषि विज्ञान केंद्रों में 104 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें 4,662 गांवों में जाकर किसानों से संपर्क करेंगी।
मिट्टी, मौसम और जल उपलब्धता का मूल्यांकन
टीमें स्थानीय कृषि जलवायु, मृदा स्वास्थ्य, वर्षा पैटर्न और जल संसाधनों का मूल्यांकन करेंगी। इस आधार पर वे किसानों को उन्नत बीज, संतुलित उर्वरक, सटीक बुवाई तकनीक, और उपयुक्त फसल चयन की सलाह देंगी। अभियान के दौरान मृदा स्वास्थ्य कार्ड का भी सक्रिय उपयोग किया जाएगा।
लैब टू लैंड: विज्ञान और खेती का संगम
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य “लैब टू लैंड” के विजन को साकार करना है। “यह केवल जानकारी देने का माध्यम नहीं है, बल्कि द्वि-दिशात्मक संवाद का मंच है, जहां किसान अपनी समस्याएं, सवाल और अनुभव साझा करेंगे, जिससे भविष्य के कृषि अनुसंधान को दिशा मिलेगी।”
तकनीकी सत्र में 150 किसानों की भागीदारी
अभियान के उद्घाटन अवसर पर अटारी, पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – पूर्वी क्षेत्रीय परिसर, और कृषि विज्ञान केंद्र, बाढ़ के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए तकनीकी सत्र का आयोजन किया। इस दौरान पटना जिले के करीब 150 किसानों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं व सुझावों को साझा किया।
यह सिर्फ एक अभियान नहीं, किसानों की समृद्धि का संकल्प है
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ एक ऐसा मंच बन रहा है, जो किसानों को वैज्ञानिक सोच, आधुनिक तकनीक, और सरकारी सहायता से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। खेतों की मिट्टी से निकलते सवाल अब सीधे प्रयोगशालाओं तक पहुंचेंगे, और वहां से निकले समाधान फिर खेतों तक लौटेंगे — विकसित भारत की खेती का यही नया विजन है।