नई दिल्ली — उपराष्ट्रपति निर्वाचन में NDA के प्रत्याशी सी.पी. राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 452 वोटों के मुकाबले 300 वोट पाकर 152 मतों की बड़ी जीत दिलाई। मतदान में कुल 781 निर्वाचक मंडल सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र सहित) ने हिस्सा लिया; इनमें से 752 वैध और 15 अवैध मत दर्ज किए गए। उपराष्ट्रपति के लिए आवश्यक बहुमत 377 वोट था। मतदान सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे समाप्त हुआ; परिणाम लगभग ढाई घंटे बाद घोषित किए गए।
इंडिया गठबंधन की सांगठनिक ताकत इस चुनाव में 315 सांसद बतायी गई थी, लेकिन उसके उम्मीदवार को केवल 300 वोट मिले — गठबंधन को उम्मीद से कम समर्थन मिलने से राजनीतिक बहस तेज हो गई। विपक्ष का कहना है कि यह कमी क्रॉस-वोटिंग और कुछ मतों के अवैध करार दिए जाने से हुई।
NDA की तरफ से यह दावा उठाया गया कि क्रॉस-वोटिंग के कारण उसे अनुमान से 10 से 13 अतिरिक्त वोट मिले; शुरुआती सूचनाओं के मुताबिक जिन सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की, वे महाविकास आघाड़ी से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस मामले पर इंडिया गठबंधन जांच कर रहा है और पार्टी यह पता लगाने में लगी है कि ये 10–13 वोट किस-किस दल के हैं।
विवादित मतों और क्रॉस-वोटिंग पर प्रतिक्रिया अलग-अलग रही —
शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा कि क्रॉस-वोटिंग की बातें कौन कर रहा है, यह दावा NDA के लोग कर रहे हैं। राउत ने बताया कि उनके पास अपने वोटों का लेखा-जोखा मौजूद है और उनके अनुसार उन्हें 300 वोट मिले। उन्होंने कहा कि जिन 15 मतों को अवैध करार दिया गया, वे मतदान प्रक्रिया के दौरान सुदर्शन रेड्डी के सामने दर्ज दिखे, लेकिन किन्हीं कारणों से उन मतों को अवैध ठहराया गया।
बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने दावा किया कि लगभग 40 विपक्षी सांसदों ने अपनी ‘अंतरात्मा’ की आवाज सुनते हुए NDA उम्मीदवार के समर्थन में मतदान किया; NDA नेताओं ने महाराष्ट्र के कुछ विपक्षी सांसदों के राधाकृष्णन के समर्थन में जाने की बात भी कही।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने परिणाम को भाजपा की नैतिक और राजनीतिक हार करार दिया — उनकी दलील है कि आंकड़ों के बावजूद असल जीत विपक्ष की है, क्योंकि बीजेपी को व्यापक समर्थन जुटाने में नैतिक वैधता की चुनौती का सामना करना पड़ा।
चुनाव-समिति के अनुसार कुल मतदान प्रतिशत 98.2% रहा। राज्यसभा सचिव और निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने परिणाम घोषित किए और बताया कि कुल 767 सदस्यों ने मतदान किया, जिनमें से 15 मत अवैध रहे।
परिणाम राधाकृष्णन की निर्णायक जीत दर्शाते हैं, लेकिन इंडिया गठबंधन के अपेक्षित वोटों से कमी और क्रॉस-वोटिंग/अवैध मत के आरोपों ने चुनाव के बाद राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दे दिया है। अब प्रमुख सवाल यही है कि जो 10–13 अतिरिक्त वोट NDA को मिले — क्या वे महाविकास आघाड़ी के निर्दलीय झुकाव का परिणाम थे, या किसी और कारण से हुए? इंडिया गठबंधन इस पर विचार कर रहा है और आगे के विधिक/राजनैतिक विकल्पों पर फैसला किया जा सकता है।