
अयोध्या में शनि धाम मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना ने इलाके में आक्रोश फैला दिया है। मंदिर से पीतल का घंटा गायब मिला, जबकि त्रिशूल कुछ दूरी पर पड़ा मिला। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना पुलिस चौकी से मात्र 150 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, वहीं स्थानीय लोगों में भारी रोष देखा जा रहा है।
मंदिर में तोड़फोड़, श्रद्धालुओं की आस्था को चोट
बीती रात कुछ अराजक तत्वों ने फतेहगंज पुलिस चौकी के पास स्थित शनि धाम मंदिर में तोड़फोड़ कर इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की। सुबह जब स्थानीय लोग पूजा करने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मंदिर की टाइल्स टूटी हुई हैं और घंटा गायब है। कुछ देर बाद त्रिशूल भी मंदिर से दूर पड़ा मिला।
इस घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर अज्ञात आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
पुलिस चौकी के पास हुई वारदात, कानून-व्यवस्था पर सवाल
स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मात्र 150 मीटर की दूरी पर स्थित मंदिर में चोरी और तोड़फोड़ होना, वह भी बिना किसी डर के, यह साबित करता है कि अपराधियों को पुलिस का कोई भय नहीं है।
- 14 किलो पीतल का घंटा चोरी
- मंदिर की टाइल्स तोड़ी गईं
- त्रिशूल दूर फेंका गया
- भीड़ जुटने के बाद पुलिस हरकत में आई
मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू, आरोपियों की तलाश तेज
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने तत्काल मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया है। वहीं, चोरी गए घंटे को खोजने और दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं ने तत्काल कार्रवाई की मांग की और दोषियों को सख्त सजा देने की अपील की।
स्थानीय आस्था और मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
यह शनि धाम मंदिर एक पीपल के पेड़ के नीचे कई दशकों पहले स्थापित किया गया था, जिससे स्थानीय लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। इस मंदिर में शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।
सेतु निगम के फ्लाईओवर निर्माण के दौरान भी लोगों की आस्था को देखते हुए मंदिर को नहीं हटाया गया था, लेकिन अब इस तरह की घटना ने स्थानीय लोगों की भावनाओं को आहत किया है।
क्या यह माहौल बिगाड़ने की साजिश?
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि क्या यह घटना एक सोची-समझी साजिश थी? पुलिस के अनुसार, अराजक तत्वों ने जानबूझकर ऐसी हरकत की जिससे माहौल बिगड़े और सामाजिक तनाव पैदा हो।
स्थिति पर पैनी नजर, कड़ी कार्रवाई की तैयारी
पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी फुटेज और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) को भी सक्रिय कर दिया गया है।

VIKAS TRIPATHI
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