गाज़ीपुर, । बसनिया स्थित शहीद स्तम्भ पर आज पूर्व भाजपा विधायक स्वर्गीय कृष्णानन्द राय की 20वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में जनसमूह उमड़ पड़ा। कार्यक्रम की शुरुआत सबसे पहले स्व. कृष्णानन्द राय के पुत्र पियुष राय तथा उनके परिवार द्वारा शहीद स्तम्भ पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी स्तम्भ स्थल पर पुष्प चढ़ाकर स्व. राय तथा उनके दिवंगत सहयोगियों को नमन किया। इसके बाद धीरे-धीरे आमजन के पहुंचने का क्रम और तेज होता गया और कुछ ही समय में पूरा स्थल जनसैलाब में तब्दील हो गया।श्रद्धांजलि देने के लिए जनपद के विभिन्न इलाकों से पहुंचे लोगों ने भारी संख्या में पुष्प अर्पित किए। बुज़ुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चे—हर वर्ग के लोग हाथों में पुष्प, आंखों में भावुकता और दिलों में श्रद्धा लिए शहीद स्तम्भ तक पहुंचे। पूरा वातावरण अनुशासनबद्ध लेकिन भावनाओं से परिपूर्ण दिखाई दिया। लोग एक-एक कर स्तम्भ पर फूल अर्पित करते रहे और श्रद्धांजलि का यह क्रम घंटों तक लगातार चलता रहा।पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का हुजूम मोहम्मदाबाद स्थित शहीद पार्क में आयोजित मुख्य श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए निकल पड़ा। सड़क पर आगे बढ़ते जनसमूह का जोश और श्रद्धा देखते ही बनती थी। इस दौरान वातावरण में “कृष्णानन्द राय अमर रहे, अमर रहे” के गगनभेदी नारों की गूंज लगातार सुनाई देती रही। लोग पंक्तिबद्ध होकर, नारे लगाते हुए, पूरे सम्मान के साथ शहीद पार्क की ओर बढ़ते दिखाई दिए।गौरतलब है कि 29 नवम्बर 2005 का दिन गाज़ीपुर के लिए काले अध्याय की तरह दर्ज है। भांवरकोल ब्लाक के सियाडी गांव में क्रिकेट प्रतियोगिता के उद्घाटन के बाद भाजपा विधायक का काफिला जैसे ही बसनिया चट्टी की तरफ बढ़ा, पहले से घात लगाए अपराधियों ने अचानक ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनके काफिले पर हमला कर दिया। उस समय विधायक अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी में नहीं थे और सरकारी अंगरक्षक के अलावा उनके साथ कोई अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी भी मौजूद नहीं था। अपराधियों को इस बात की पूर्व जानकारी थी, जिसके चलते यह हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया।अंधाधुंध गोलीबारी में विधायक कृष्णानन्द राय सहित उनके 6 सहयोगी—मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामा शंकर राय, भाजपा मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव तथा निर्भय नारायण—की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस एक साथ हुए नरसंहार से पूरा गाज़ीपुर जनपद थर्रा उठा था। सात हत्याओं ने पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी फैला दी थी और पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अकेले कृष्णानन्द राय के शरीर से 65 गोलियां निकाली गई थीं, जिसने इस हत्याकांड की वीभत्सता को और भी स्पष्ट कर दिया था।आज की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे लोगों ने नम आंखों से उस दिन को याद करते हुए कहा कि स्व. कृष्णानन्द राय की जनसेवा, नेतृत्व और लोकप्रियता हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। श्रद्धांजलि सभा में मौजूद वक्ताओं ने भी उनके व्यक्तित्व और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे जननेता सदियों में जन्म लेते हैं। सभा स्थल पर मौजूद हर व्यक्ति ने उन्हें अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए पुष्पों के माध्यम से नमन किया। आयोजन शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हुआ लेकिन क्षेत्र में उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान की छाप एक बार फिर गहरे रूप में सामने आई।














