नई दिल्ली — कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता में संसद की स्थायी समिति की तीन घंटे लंबी बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्र और वाणिज्य सचिव ने भारत–अमेरिका संबंधों, व्यापारिक मुद्दों तथा सुरक्षा चुनौतियों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में समिति सदस्यों ने 50 से अधिक प्रश्न उठाए, जिनमें व्यापारिक टैरिफ, कूटनीति, आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले प्रमुख रहे।
व्यापार सिर्फ़ कॉमर्स नहीं, व्यापक रिश्तों की रूपरेखा रखी गई
विदेश सचिव विक्रम मिस्र ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ भारत का रिश्ता केवल वाणिज्य तक सीमित नहीं है। उन्होंने सदस्यों को दोनों देशों के सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक जुड़ाव की व्यापक तस्वीर बताई और कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग कई परतों पर आधारित है। वाणिज्य सचिव ने अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं की प्रगति, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव और आर्थिक साझेदारी के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से ब्रीफिंग दी।
सुरक्षा पर भी कड़ा रुख — असीम मुनीर के परमाणु बयान पर चर्चा
बैठक में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के हालिया परमाणु संकेतों पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने साफ कहा कि ऐसी धमकियाँ भारत को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रोकेंगी और भारत अपनी सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुरूप कदम उठाता रहेगा।
अमेरिकी दल का आगमन तय — 25 अगस्त पर कोई बदलाव नहीं
आगामी द्विपक्षीय वार्ताओं के संबंध में समिति को बताया गया कि अमेरिकी वार्ताकारों के भारत आगमन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अधिकारी पुष्टि कर चुके हैं कि अमेरिकी टीम नियत तारीख 25 अगस्त को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आएगी।
टैरिफ विवाद—25% अतिरिक्त शुल्क हटने की संभावना पर थरूर का संकेत
बैठक के बाद शशि थरूर ने बताया कि सदस्यों ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ, विशेषकर 50% और रूस से तेल खरीद के कारण लागू अतिरिक्त 25% टैरिफ पर सवाल उठाए। थरूर ने कहा कि अगर रूस–यूक्रेन युद्ध के बाद स्थितियाँ सामान्य रहीं और जोखिम घटे तो अतिरिक्त 25% टैरिफ हटाने की गुंजाइश पर विचार किया जा सकता है। साथ ही सरकार यूरोपीयन यूनियन जैसे अन्य बड़े बाजारों के साथ व्यापार समझौतों को तेज़ी से अंतिम रूप देने पर भी काम कर रही है, ताकि टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके।
ट्रम्प के टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
रिपोर्ट में यह भी जिक्र रहा कि कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी और बाद में और टैरिफ बढ़ाने की भी चेतावनी दी। अमेरिकी आरोपों में यह भी कहा गया कि भारत सस्ता तेल खरीदकर रूस की मदद कर रहा है। इन दावों पर भारत ने जोरदार तरीके से अपना रुख स्पष्ट किया है और आवश्यक कूटनीतिक तथा व्यापारिक उपाय किए जा रहे हैं।
आगे की राह — जांच, वार्ता और नीति विकल्प
बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार तकनीकी, कूटनीतिक और नीतिगत विकल्पों का संयोजन कर अमेरिका के साथ समग्र संबंधों को संतुलित करने की नीति पर काम कर रही है। यदि आवश्यक हुआ, तो संसद और संबंधित समितियाँ अगली चुनौतियों के लिए और विस्तृत सुझाओं और निगरानी का प्रस्ताव रख सकती हैं।