
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आतंकवादियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अब उनके पास सिर्फ दो ही रास्ते हैं – या तो जेल जाएंगे या फिर जहन्नुम में। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के कारण देश में आतंकी घटनाओं में 71% की गिरावट आई है।
बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान नित्यानंद राय ने कहा कि पहले आतंकवादियों को महिमामंडित किया जाता था, उन्हें विशेष सुविधाएं दी जाती थीं, लेकिन अब सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपना लिया है।
एनआईए की प्रभावी कार्रवाई – 95% दोषसिद्धि दर
आतंकवाद पर लगाम लगाने में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि एनआईए के मामलों में दोषसिद्धि दर 95.54% तक पहुंच चुकी है, जो यह दर्शाता है कि सरकार आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने में पूरी तरह सक्षम है।
उन्होंने राज्यसभा में लिखित उत्तर के जरिए बताया कि –
12 मार्च 2025 तक एनआईए ने कुल 652 केस दर्ज किए।
516 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई।
4232 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 625 को दोषी ठहराया गया।
157 मामलों में से 150 में दोषसिद्धि हुई, जो दर्शाता है कि सरकार आतंकियों को कड़ी सजा दिलाने में सफल रही है।
आतंकवाद के आर्थिक स्रोतों पर भी प्रहार – संपत्तियां जब्त
मोदी सरकार आतंकियों को न केवल गिरफ्तार कर रही है बल्कि उनके आर्थिक नेटवर्क को भी ध्वस्त कर रही है।
राय ने बताया कि एनआईए ने UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत 551 संपत्तियों को जब्त या कुर्क किया है, जिनकी कुल कीमत 116.27 करोड़ रुपये है।
एनआईए का विस्तार – आतंकवाद के खिलाफ और मजबूत हुई एजेंसी
मोदी सरकार ने एनआईए की कार्यक्षमता को और अधिक मजबूत करने के लिए इसके ढांचे का विस्तार किया है।
2019 से पहले एनआईए के केवल 8 शाखा कार्यालय थे, लेकिन अब 21 शाखा कार्यालय और 2 क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जा चुके हैं।
पिछले तीन वर्षों में 9 नए शाखा कार्यालय और 2 क्षेत्रीय कार्यालय खोले गए हैं।
तकनीकी विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एनआईए में 625 नए पद सृजित किए गए हैं।
अब एनआईए में कुल 1901 स्वीकृत पद हैं, जिससे यह एजेंसी और प्रभावी हो गई है।
मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट – आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं
नित्यानंद राय के इस बयान से स्पष्ट है कि मोदी सरकार आतंकवाद पर सख्त रुख अपना रही है और इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
एनआईए के बढ़ते प्रभाव, दोषसिद्धि दर में सुधार और आतंकी फंडिंग पर रोक के प्रयासों से यह साफ हो जाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ रहा है।
अब आतंकियों के लिए कोई छूट नहीं – या तो जेल, या फिर जहन्नुम!