
Tejashwi Yadav’s 5 Major Appeals: बिहार चुनाव से पहले, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने यादव समुदाय से 5 महत्वपूर्ण अपील की हैं, जो चुनावी माहौल में सुर्खियों में हैं। उन्होंने समुदाय से सामंती मानसिकता को खत्म कर समाजवादी बनने की अपील की, साथ ही मुस्लिम और दलित समुदायों के साथ सहमति बनाए रखने की बात की।
तेजस्वी की 5 अहम अपील
- सामंती नहीं, समाजवादी बनें
तेजस्वी यादव ने यादव समुदाय से अपील की कि वे सामंती मानसिकता से बाहर निकलकर समाजवादी बनें, क्योंकि कुछ लोग सामंती विचारधारा का पालन कर पूरी जाति की बदनामी कर रहे हैं। - सभी को साथ लेकर चलें
उन्होंने यादवों से कहा कि अगर हम बड़े नेताओं जैसे चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर और जय प्रकाश नारायण का साथ दे सकते हैं, तो क्यों न हम सबको एक साथ लेकर चलें। - दलित और अतिपिछड़ों का ध्यान रखें
तेजस्वी ने यादवों से दलित और अतिपिछड़े समुदायों का विशेष ध्यान रखने की अपील की, और कुछ गलत करने वालों को दरकिनार करने की सलाह दी। - मुसलमानों के प्रति सहिष्णुता दिखाएं
उन्होंने यादव समुदाय से अपील की कि मुसलमानों के खिलाफ कोई भी असहिष्णुता नहीं होनी चाहिए, जैसा कि पहले सत्ता में रहते हुए किया जाता था। - केवल लालू यादव को मानें
तेजस्वी ने यादव समुदाय से आग्रह किया कि वे किसी अन्य छोटे नेताओं के बजाय सिर्फ लालू यादव को अपना नेता मानें।
क्यों कर रहे हैं तेजस्वी ये अपील?
तेजस्वी यादव की इन अपीलों का उद्देश्य यादव समुदाय को एकजुट करना और आरजेडी का जनाधार मजबूत करना है। हालिया चुनावों में यादव मतदाताओं का समर्थन घटा था, जिससे आरजेडी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। तेजस्वी यह भी चाहते हैं कि मुस्लिम वोटरों को भी संतुष्ट रखा जाए, ताकि पार्टी का आधार मजबूत बने।
चुनावी संकट और समीकरण
तेजस्वी यादव ए टू जेड समीकरण की बात कर रहे हैं, लेकिन यादव और मुस्लिम वोटों का गठजोड़ उनकी जीत के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार में मुस्लिम और यादवों की मजबूत आबादी है, जो आरजेडी के लिए जनाधार का आधार बना सकती है।
2020 के विधानसभा चुनावों में यादव और मुस्लिम गठबंधन के अभाव में आरजेडी को हार का सामना करना पड़ा था, जिससे तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ गईं। अब चुनावी साल में, वे इन समुदायों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए अपने कदम उठा रहे हैं।