गाजीपुर। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से मुलाकात कर विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों के परीक्षा संबंधी कार्यों के पारिश्रमिक और भत्तों में वृद्धि की मांग की। यह प्रतिनिधिमंडल पूर्व प्रदेश संयुक्त महामंत्री डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित के नेतृत्व में वाराणसी सर्किट हाउस पहुँचा, जहाँ उन्होंने वित्त मंत्री को विस्तृत मांग पत्र सौंपा।प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि शिक्षकों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन, प्रायोगिक परीक्षाओं के संपादन, कक्ष निरीक्षण जैसे कार्य अत्यंत निष्ठा और जिम्मेदारी से किए जाते हैं, किन्तु इनके लिए दी जाने वाली पारिश्रमिक दरों में 09 मार्च 2019 के बाद कोई संशोधन नहीं हुआ है। इस दौरान महंगाई में लगातार बढ़ोतरी होने से यह पारिश्रमिक आज की परिस्थितियों में अत्यंत अपर्याप्त प्रतीत होता है। यही स्थिति यात्रा एवं दैनिक भत्तों की भी है, जिनका अंतिम संशोधन मार्च 2011 में किया गया था, जबकि वर्तमान समय में इनकी दरें बेहद कम पड़ रही हैं।मांग पत्र पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को उचित ठहराया और आश्वासन दिया कि यह मामला सरकार की नीति से जुड़ा विषय है, जिस पर सकारात्मक और आवश्यक कदम जल्द उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परीक्षा संबंधी कार्य करने वाले शिक्षकों के पारिश्रमिक, यात्रा भत्ते और दैनिक भत्तों में वृद्धि पर विचार कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश संयोजक प्रो. (डॉ.) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, प्रो. ओमप्रकाश चौधरी सहित अन्य प्राध्यापक भी उपस्थित रहे।














