नई दिल्ली — आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने राजधानी में मानसून आने के बावजूद पानी की आपूर्ति ठप होने पर मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर तात्कालिक और ठोस कदम उठाने की मांग की है। आतिशी ने कहा कि कालकाजी, बदरपुर व साउथ-सेंट्रल दिल्ली समेत कई इलाकों में नलों में पानी सूख गया है, जबकि सड़कों और नालियों में जलभराव बना हुआ है — यह स्थिति राजधानी की जल-प्रबंधन की विफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
आतिशी के मुख्य बिंदु
मानसून के बीच भी लोगों को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है; यह गंभीर और अस्वीकार्य है।
“दिल्ली की सड़कें पानी में डूबी हैं, पर नलों में पानी नहीं — यही भाजपा सरकार की बदइंतज़ामी का सच है,” आतिशी ने कहा।
चार-इंजन वाली सरकार के वादों के बावजूद हर मोर्चे पर विफलता दिख रही है; यदि मानसून में यह हाल है तो गर्मियों के लिए दहशतजनक परिदृश्य है।
आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे अभी—तुरंत—इमरजेंसी जल-आपूर्ति (टैंकर, मोबाइल टैंकर स्टेशनों की तैनाती), पंपिंग स्टेशन व पाइपलाइन की तुरंत मरम्मत, तथा ड्रेनेज व नालियों की सफाई के जरिए स्थिति सुधारें।
पत्र में आतिशी ने क्या माँगा
पत्र में आतिशी ने सरकारी तंत्र से कम से कम तीन प्राथमिकताएँ पूरी करने का आग्रह किया है:
1 प्रभावित इलाकों में तात्कालिक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये फौरन टैंकर सेवाएँ व आपात नलकूप उपलब्ध कराना;
2 जल आपूर्ति अवरोधों की जो वास्तविक वजहें हैं — पंपिंग स्टेशन, पाइपलाइन जाम या बिजली कटौती — उनका 24 घंटे के भीतर ऑडिट और समाधान;
3 लंबी अवधि के लिए DJB, दिल्ली सरकार और पड़ोसी राज्यों (विशेषकर हरियाणा) के साथ समन्वय बैठकों का शेड्यूल और सार्वजनिक टाइमलाइन जारी करना, ताकि आपूर्ति विश्वसनीय बने।
सरकार की जवाबदेही पर सवाल
आतिशी ने यह भी पूछा कि जब मुख्यमंत्री और राज्य व केन्द्र के नेता मिल रहे थे तो राजधानी के लोगों के पानी के संकट का तात्कालिक समाधान क्यों नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा कि अब बहानेबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप स्वीकार्य नहीं है — जनता के सामने तत्काल और स्पष्ट जवाबदेही होनी चाहिए।
विकल्प व कारगर कदम (आवश्यक सुझाव)
विशेषज्ञों के सामान्य सुझावों के हवाले से — जो आतिशी ने भी पत्र में इशारों में माँगे — जल संकट की तात्कालिक राहत के लिये ये कदम कारगर हो सकते हैं:
प्रभावित वार्डों में नियंत्रित टैंकर शेड्यूल की सार्वजनिक सूचना;
नलकूप/पम्पिंग सेट की आपात रिपेयर टीमों का 24×7 संचालन;
ड्रेनेज के कारण नल-प्रेशर में गिरावट हो तो बहाल करने के लिये नालियों की सफाई व डे-सिल्टिंग;
DJB की पारदर्शिता के लिये रियल-टाइम पानी सप्लाई मैप और टैंकर-लॉकेशन का सार्वजनिक पोर्टल।
आगे क्या होगा
आतिशी के पत्र और सार्वजनिक आरोप के बाद अब दिल्ली सरकार और DJB की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है। यदि स्थिति में शीघ्र सुधार न दिखाई दिया तो यह मुद्दा विधानसभा में भी गरम हो सकता है और स्थानीय अदालतों व उपभोक्ता मंचों तक भी मामला पहुँच सकता है।
मानसून में सड़कों पर जलभराव और घरों में नलों का सूखना राजधानी के जल-प्रबंधन में बड़े अभावों की ओर संकेत करता है। आतिशी की चेतावनी और मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र इसे राजनीतिक मुद्दे के साथ-साथ प्रशासनिक और मानव-धार्मिक आपातस्थिति के रूप में भी खड़ा करता है — अब सवाल यह है कि तत्काल राहत और दीर्घकालिक समाधान कब, कैसे और किस समयसीमा में जनता के सामने पेश किये जाते हैं।