वाराणसी, उत्तर प्रदेश: पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि असली पुलिसिंग बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस से नहीं, भीड़ के बीच उतरकर ज़मीनी हालात को समझने से होती है।
शुक्रवार शाम, कमिश्नर और अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा बिना किसी सरकारी लाव-लश्कर, हूटर और झंडे के ई-रिक्शा और पैदल चलकर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और अतिक्रमण का गुप्त निरीक्षण करने पहुंचे — और स्थानीय थाने को भनक तक नहीं लगी।
अवैध अतिक्रमण पर सख्त एक्शन: 50 FIR के निर्देश
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई प्रमुख मार्गों पर अवैध अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
कमिश्नर ने मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए:
50 अतिक्रमणकारियों की पहचान कर फोटो व दस्तावेजीकरण कराया गया।
संबंधित थानाध्यक्षों को FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए।
10 प्रमुख लोकेशनों पर लापरवाही बरतने वाले बीट आरक्षियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
“जनहित के नाम पर अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” — मोहित अग्रवाल
पुलिस लाइन को बनेगा राज्य की ‘आदर्श कॉलोनी’
कमिश्नर ने पुलिस लाइन परिसर का व्यापक निरीक्षण किया और वहां की आधारभूत सुविधाओं को राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाने का रोडमैप पेश किया:
चिल्ड्रन पार्क, लाइब्रेरी, जिम, बैडमिंटन हॉल, सैलून, VIP लाउंज आदि को अपग्रेड करने के निर्देश।
परेड ग्राउंड की हरियाली, सफाई और निर्माण गुणवत्ता की खुद समीक्षा की गई।
पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य, मनोरंजन और आरामदायक जीवन पर जोर।
“यह सिर्फ नौकरी नहीं, एक सम्मानजनक जीवनशैली की दिशा में बदलाव है।” — मोहित अग्रवाल
मोहर्रम और कांवड़ यात्रा: कानून-व्यवस्था के लिए एडवांस प्लानिंग शुरू
शहर में आगामी मोहर्रम (27 जून से) और श्रावण/कांवड़ यात्रा (11 जुलाई से 9 अगस्त) के मद्देनज़र सांप्रदायिक सौहार्द और सुरक्षा को लेकर एडवांस तैयारियां तेज़ की गई हैं:
मोहर्रम के लिए दिशा-निर्देश:
ताजियादारों के साथ बैठक कर ताजिए की ऊंचाई, हथियार प्रतिबंध और जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रत्येक आयोजक को 20 वालंटियर नियुक्त करने होंगे।
पिछले 10 साल के संवेदनशील मामलों का विश्लेषण कर संभावित उपद्रवियों की सूची बनाई जा रही है।
श्रावण/कांवड़ यात्रा की तैयारी:
DCP स्तर पर कांवड़ संघों और शिविर आयोजकों से समन्वय।
यात्रा मार्गों की भौतिक समीक्षा और संबंधित विभागों के साथ समन्वित प्लानिंग।
जल, चिकित्सा, ट्रैफिक और सुरक्षा के हर पहलू पर माइक्रो मैनेजमेंट।
“हूटर-झंडे नहीं, जब कमिश्नर खुद भीड़ में उतरें, तो सिस्टम खुद लाइन में आ जाता है।”
मोहित अग्रवाल का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है —
वाराणसी अब दिखावे की नहीं, क्रियान्वयन की पुलिसिंग देखेगा।
चाहे अतिक्रमण हटाना हो, पुलिस लाइन को आधुनिक बनाना हो, या त्योहारों में शांति बनाए रखना —
हर मोर्चे पर कमिश्नर अग्रवाल पारदर्शिता, कार्यकुशलता और जनहित को प्राथमिकता दे रहे हैं।