Tuesday, July 1, 2025
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सुप्रीम कोर्ट में ओखला गांव में अवैध ढांचे गिराने पर सुनवाई जुलाई में, DDA को कार्रवाई से पहले 15 दिन की चेतावनी जरूरी

नई दिल्ली | ब्यूरो रिपोर्ट:
दिल्ली के ओखला गांव में अवैध निर्माणों को गिराने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई करेगा। सोमवार को यह मामला जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस याचिका पर जुलाई में विस्तृत सुनवाई होगी।

DDA को ढांचे गिराने का आदेश, लेकिन कानून के दायरे में

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने सुप्रीम कोर्ट के 7 मई 2024 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को ओखला गांव में अनधिकृत निर्माणों को कानून के अनुसार ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था।

इस पर बेंच ने कहा,

“हमें अपने आदेशों की जानकारी है। हम इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। यह आप पर छोड़ते हैं कि जुलाई में सुनवाई चाहते हैं या अभी आदेश दिया जाए।”

हेगड़े ने निवेदन किया कि तब तक कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि मुख्य समस्या यही है

सुनवाई स्थगित, लेकिन कानूनी प्रक्रिया अनिवार्य

बेंच ने कहा कि वे समझते हैं कि मामला क्या है और कोर्ट अपने पुराने आदेशों से भलीभांति अवगत है। इसके बाद कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी

संजय हेगड़े ने अदालत के उस अनुच्छेद का हवाला भी दिया जिसमें कहा गया है कि

“जिन लोगों को ध्वस्तीकरण नोटिस से आपत्ति है, वे कानून के अनुसार उचित प्रक्रिया अपना सकते हैं।”

7 मई के आदेश में क्या कहा गया था?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में निर्देश दिया था कि

“DDA ओखला गांव की 2 बीघा 10 बिस्वा जमीन पर स्थित अवैध ढांचों को तीन महीने के भीतर कानून के अनुसार हटाए।”

साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि

“कोई भी ढांचा ध्वस्त करने से पहले कम से कम 15 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है।”

यह आदेश दिल्ली में सार्वजनिक भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर 2018 में दिए गए कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन पर दायर अवमानना याचिका के तहत आया था।

ओखला में घर और दुकानों पर गिराने के नोटिस चस्पा

हाल ही में दिल्ली के ओखला क्षेत्र के जामिया नगर इलाके में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का हवाला देते हुए कई घरों और दुकानों पर ध्वस्तीकरण के नोटिस चस्पा किए गए हैं।
22 मई को जारी नोटिस में लिखा है:

“यह सूचित किया जाता है कि खिजरबाबा कॉलोनी, ओखला में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण हुआ है। यहां बने घर और दुकानें अवैध हैं और इन्हें 15 दिन के भीतर हटाया जाए।”

क्या होगा अगला कदम?

अब सबकी निगाहें जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं।
क्या DDA कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई करेगा?
क्या प्रभावित लोग न्याय के लिए कानूनी विकल्प अपनाएंगे या सड़क पर विरोध का रास्ता चुनेंगे?

इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त देगा।

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