उत्तर प्रदेश में राजस्व विवादों के तेजी से निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा रही मॉनिटरिंग का सकारात्मक असर अब ज़मीनी स्तर पर साफ़ दिख रहा है। सीएम योगी हर माह जिलावार समीक्षा कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेशभर में राजस्व न्यायालयों में मामलों के निपटारे की रफ्तार तेज हुई है।
राजस्व परिषद की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (RCCMS) की अक्टूबर माह की रिपोर्ट इस दिशा में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाती है। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2025 में प्रदेशभर में कुल 3,24,897 राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया — जो अब तक की सर्वाधिक प्रगति में से एक है।
लखनऊ रहा शीर्ष पर, प्रयागराज और गोरखपुर भी आगे
लखनऊ की जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर के अनुसार, राजधानी में 15,260 मामलों का निस्तारण किया गया, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक है। इसके बाद प्रयागराज में 10,501, गोरखपुर में 8,165, कानपुर नगर में 7,866, और शाहजहांपुर में 7,707 मामलों का निस्तारण हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राजस्व विवादों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि जनता को त्वरित न्याय, प्रशासन में पारदर्शिता, और उत्तरदायित्व की भावना को और बल मिले।
जनपद स्तरीय न्यायालयों में जौनपुर की ऐतिहासिक उपलब्धि
जनपद स्तर पर जौनपुर ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता साबित की है।जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप जिले की पांचों राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड के निर्धारित मानक (250 मामलों) के मुकाबले औसतन 480 मामलों का निस्तारण किया, जो 192 प्रतिशत की उपलब्धि है। इसके साथ ही, जनपद स्तरीय न्यायालयों में जौनपुर प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा। दूसरे स्थान पर लखीमपुर खीरी (मानक 300 के सापेक्ष 334 मामले) और तीसरे पर बस्ती (मानक 300 के सापेक्ष 310 मामले) रहे।
डीएम न्यायालय की श्रेणी में भी जौनपुर अव्वल
जौनपुर के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के मुकाबले 71 मामलों का निस्तारण कर 236.67 प्रतिशत की अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की — जो पूरे प्रदेश में सर्वोच्च है। इस श्रेणी में भदोही (63 मामले) दूसरे और मऊ (51 मामले) तीसरे स्थान पर रहे।
भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर नंबर वन
राजस्व विवादों के साथ-साथ भू-राजस्व संबंधित मामलों में भी जौनपुर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व), जौनपुर ने निर्धारित मानक 50 के मुकाबले 184 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर गाजीपुर (36 वाद) और तीसरे पर मिर्जापुर (24 वाद) रहे।
त्वरित न्याय की दिशा में ठोस कदम
राजस्व विवादों के शीघ्र निस्तारण की यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “जनता को त्वरित न्याय, पारदर्शी प्रशासन” की नीति को मजबूती दे रही है। लगातार मॉनिटरिंग, जिलावार समीक्षा और अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने से प्रदेश में राजस्व न्याय प्रणाली में बड़ा सुधार दर्ज किया गया है — और आने वाले समय में इस रफ्तार के और बढ़ने की उम्मीद है।














