सहारनपुर, उत्तर प्रदेश – कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन और सहारनपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी (ADM) संतोष बहादुर के बीच हुए कथित टकराव का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सांसद ने ADM पर अभद्र व्यवहार और दफ्तर से बाहर निकालने के आरोप लगाते हुए मंडलायुक्त और राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से लिखित शिकायत की है।
क्या है पूरा मामला?
घटना 1 जुलाई 2025 की बताई जा रही है। सांसद इकरा हसन छुटमलपुर नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन के साथ नगर क्षेत्र की समस्याओं को लेकर ADM से मिलने पहुंचीं थीं। दोपहर करीब 1 बजे पहुंचने पर उन्हें जानकारी दी गई कि ADM लंच पर हैं। इसके बाद वे दोपहर 3 बजे दोबारा उनके कार्यालय पहुंचीं।
इकरा हसन के अनुसार, बैठक के दौरान जब ADM ने नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन को किसी मुद्दे पर फटकारा, तो उन्होंने बीच में हस्तक्षेप किया। इसी पर कथित रूप से ADM संतोष बहादुर ने नाराज़ होकर सांसद से कहा कि वह उनके दफ्तर से बाहर निकल जाएं, और यह भी जोड़ा कि यह उनका कार्यालय है और वह जो चाहें कह सकते हैं।
शिकायत और जांच आदेश
घटना के बाद सांसद इकरा हसन ने इस मामले की शिकायत मंडलायुक्त अटल राय, प्रमुख सचिव नियुक्ति विभाग और लखनऊ स्थित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है। उन्होंने पत्र में ADM के व्यवहार को “अमर्यादित और जनप्रतिनिधियों के सम्मान के खिलाफ” बताया है।
शिकायत मिलने के बाद मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी मनीष बंसल को पूरे मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
ADM ने दी सफाई
विवाद के बाद ADM संतोष बहादुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि “सांसद के साथ कोई अभद्रता नहीं की गई है, और आरोप निराधार एवं भ्रामक हैं।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
DM मनीष बंसल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा, “जांच जारी है और सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी जनप्रतिनिधि से पूरी शालीनता और सम्मान के साथ पेश आएं।”
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल
यह मामला केवल एक व्यक्तिगत टकराव नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों और नौकरशाही के संबंधों पर एक बार फिर बहस को जन्म दे रहा है। यदि जांच में ADM दोषी पाए जाते हैं, तो यह प्रशासनिक अनुशासन पर एक बड़ी कार्रवाई का कारण बन सकता है।