Sourav ganguly Joining Politics: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के राजनीति में शामिल होने की चर्चा पिछले कुछ वर्षों से लगातार जारी है। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ही यह सवाल उठता रहा है कि क्या सौरव गांगुली भारतीय राजनीति का हिस्सा बनेंगे। अब फिर से 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले उनके राजनीति में कदम रखने की अटकलें तेज हो गई हैं, और इसके पीछे मुख्य कारण बनता है पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हालिया बयान।
सौरव गांगुली और राजनीति—क्या है ममता का इशारा?
हाल ही में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली के बारे में एक ऐसा बयान दिया, जिसने उनके राजनीति में आने की अटकलों को फिर से हवा दी। जब कार्यक्रम में ममता से आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने की संभावना के बारे में पूछा गया, तो मुख्यमंत्री ने विश्वास के साथ कहा, “मुझे लोगों पर भरोसा है, हम फिर आएंगे।” इसके बाद उन्होंने हंसते हुए कहा, “सौरव तो बोल्ड आउट करेंगे।”
यह बयान उन सभी चर्चाओं को और तेज कर गया है, जो पहले से ही सौरव गांगुली के राजनीति में आने को लेकर चल रही थीं। ममता के इस बयान से यह संकेत मिल रहा था कि सौरव गांगुली राजनीति में शामिल हो सकते हैं, और उनका नाम आगामी चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उभर सकता है। हालांकि, सौरव ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा, “इसका जवाब तो सौरव ही दे सकते हैं।”
सौरव गांगुली का जवाब—राजनीति से दूरी बनाए रखने का संकल्प
जब कार्यक्रम में मौजूद दर्शक ने सौरव से सवाल किया कि क्या वह राजनीति में आ रहे हैं, तो सौरव गांगुली ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मत पूछो, दोबारा कब खेलोगे? राजनीतिक लोगों का काम राजनीति है, मेरा काम अलग है। यह मेरे जीवन का नियम है।” इसके बाद जब सौरव से फिर सवाल पूछा गया कि क्या वह राजनीति में नहीं आ रहे हैं, तो उन्होंने हल्के अंदाज में कहा, “यह मंच ऐसा कहने की जगह नहीं है।”
सौरव का यह बयान यह स्पष्ट करता है कि वह फिलहाल राजनीति में शामिल होने के किसी इरादे को स्पष्ट रूप से खारिज नहीं करते, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर बात करना इस मंच का उचित स्थान नहीं है। ममता बनर्जी के बयान के बावजूद सौरव ने हमेशा की तरह राजनीति से दूरी बनाए रखी।
पहले भी उठी थीं अटकलें—बीजेपी के साथ सौरव की नजदीकी?
सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अटकलें पहले भी उड़ी थीं। खासकर जब वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष थे और बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ उनकी नजदीकी को लेकर कई बार बात उठी थी। इस समय उनके बीजेपी से जुड़ने की अफवाहें तेज हुई थीं, क्योंकि सौरव गांगुली का नाम बीजेपी के नेताओं के साथ जोड़ा गया था। हालांकि, उन्होंने इन अटकलों का कभी खुलकर समर्थन नहीं किया और न ही राजनीति में शामिल होने के संकेत दिए।
पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव के समय भी सौरव गांगुली के राजनीति में आने की अफवाहें आई थीं, लेकिन उन्होंने इन सभी को खारिज कर दिया था। अब 2026 में बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले यह अटकलें फिर से तूल पकड़ने लगी हैं, खासकर ममता बनर्जी के ताजा बयान के बाद।
क्या 2026 में सौरव गांगुली राजनीति में आएंगे?
2026 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए सौरव गांगुली के राजनीति में शामिल होने की अटकलें और तेज हो सकती हैं। ममता बनर्जी के बयान ने इस संभावना को फिर से हवा दी है, लेकिन सौरव गांगुली ने हमेशा राजनीति से एक दूरी बनाए रखी है। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में वह राजनीति में आकर क्या करेंगे।
सौरव गांगुली की लोकप्रियता और उनके क्रिकेट करियर के बाद, उनका राजनीति में आना भारतीय राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम हो सकता है। वह जिस तरह से क्रिकेट में एक सशक्त नेता रहे हैं, उसी तरह उनकी राजनीति में भूमिका भी अहम हो सकती है। लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि सौरव गांगुली का भविष्य राजनीति में है या नहीं।
VIKAS TRIPATHI
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