गाजीपुर – करंडा विकास खंड की ग्राम पंचायत करण्डा में सचिवालय निर्माण का कार्य वर्षों पहले पूर्ण होने के बावजूद भुगतान लंबित है। ग्राम प्रधान राजेश बनवासी, जो अनुसूचित जाति के भूमिहीन व गरीब परिवार से हैं, अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं।ग्राम सचिवालय के चार कमरों की दीवारें 15 अक्टूबर 2021 से पहले ही छत स्तर तक बन चुकी थीं। निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया गया था। ग्राम प्रधान का आरोप है कि उन्होंने जब अधिकारियों द्वारा मांगे गए कमीशन और माप पुस्तिका (एमबी) के बदले पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनका भुगतान रोक दिया गया।इसी बीच गांव के प्रभावशाली व्यक्ति एवं करंडा इंटर कॉलेज के प्रबंधक बृजेश कुमार सिंह ने उक्त भूमि पर दावा करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन, गाजीपुर से 15 दिसंबर 2021 को स्थगनादेश ले लिया, जिससे निर्माण कार्य रुक गया। अब ग्राम प्रधान पर भट्ठा मालिक, मजदूर, मिस्त्री और सामग्री विक्रेता भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं और उन्हें मुकदमे व जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं।राजेश बनवासी ने कहा कि स्थगनादेश से पूर्व तक का कार्य दस्तावेजों में दर्ज है और उसमें कोई अनियमितता नहीं है। इसके बावजूद उन्हें और उनके परिवार को अपमान, धमकी और मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है।उन्होंने जिलाधिकारी गाजीपुर से अपील की है कि उनका लंबित भुगतान कराया जाए और उन्हें जान-माल की सुरक्षा प्रदान की जाए। कुछ दिन पूर्व उन्होंने करंडा ब्लॉक परिसर में अनिश्चितकालीन धरना भी दिया था, जो नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप पर समाप्त हुआ।