बिहार विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे को लेकर चल रहे विवादों में अब दिवंगत नेता शरद यादव के परिवार की नाराज़गी भी खुलकर सामने आ गई है। आरजेडी से मधेपुरा सीट पर मैदान में उतरने की उम्मीद लगाने वाले उनके पुत्र शांतनु यादव को पार्टी ने टिकट नहीं दिया — जिस पर शांतनु और उनकी बहन ने सख्त आपत्ति जताई है।
शांतनु का आरोप — “राजनीतिक षड़यंत्र”
शांतनु यादव ने कहा है कि उन्हें टिकट से वंचित किया जाना किसी सेन्ट्रल फैसले या बात का नतीजा नहीं, बल्कि उनके खिलाफ किया गया राजनीतिक षड़यंत्र है। उन्होंने इसे समाजवाद की हार बताया और अपनी निराशा व्यक्त की।
सुभाषिनी का तीखा अभिनय — ‘विश्वासघात’ कहा
शरद यादव की बेटी और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सुभाषिनी शरद यादव ने सोशल मीडिया (एक्स) पर भावनात्मक पोस्ट लिखकर परिवार की नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने लिखा है — “जो अपने खून के नहीं हुए, वो दूसरों के क्या सहे होंगे। जो अपने ही परिवार के वफादार नहीं, वो किसी और के लिए कैसे भरोसेमंद हो सकते हैं? यह विश्वासघात की पराकाष्ठा है।” सुभाषिनी ने स्पष्ट किया कि यह घटना उनकी असहजता और आक्रोश की बानगी है और जो षड़यंत्र रचे गए हैं, जनता उसी का हिसाब करेगी — ऐसी चेतावनी भी दी।
जो अपने खून के नहीं हुए, वो दूसरों के क्या सगे होंगे।
जो अपने ही परिवार के वफादार नहीं, वो किसी और के लिए कैसे भरोसेमंद हो सकते हैं?
ये विश्वासघात की पराकाष्ठा और उनकी असहजता का उत्कृष्ट उदाहरण है।
जो षड्यंत्र इन्होंने रचा है, अब वही षड्यंत्र इनके खिलाफ जनता रचेगी। https://t.co/GizFJTm6ye
— Subhashini Sharad Yadav (@SubhashiniSY) October 17, 2025
मधेपुरा को लेकर परंपरा और उम्मीदें
शांतनु लंबे समय से मधेपुरा से पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे थे। शरद यादव का देहांत 12 जनवरी 2023 को हुआ था; उसके बाद से शांतनु ने बार-बार इसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी की और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सक्रिय होने की तमन्ना जताई थी। हालांकि 2024 में उन्हें भी आरजेडी से निराशा हाथ लगी थी और अब हालिया टिकट न मिलने से परिवार में गुस्सा और मायूसी बढ़ी है।
महागठबंधन में सीट-बंटवारे की खींचतानSharad Yadav’s Family Upset Over RJD Ticket Denial; Shantanu Alleges “Political Conspiracy,” Subhashini Calls It “Betrayal
सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन के भीतर सीटों के आवंटन को लेकर लंबी खींचतान रही है। अभी तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार वाम दल को 31 सीटें, कांग्रेस को 61 सीटें, इंडियन इन्क्लूसिव पार्टी को 3 सीटें तथा विकासशील इंसान पार्टी को कुछ सीटें दी गई हैं — जबकि बाकी के लगभग 136 सीटें आरजेडी के हिस्से में बताई जा रही हैं। सीटों के आधिकारिक एलान और अंतिम समन्वय को लेकर coalition में नेतृत्व और दावेदारों के बीच चर्चा जारी है, जिसकी परिणति उम्मीदवारों के नामों पर साफ़ असर दिख रही है।
मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र हुआ।
समाजवाद की हार हुई।#Madhepura pic.twitter.com/6aXVrhZJPT— Shantanu Yadav (@shantanu_yadav1) October 17, 2025
राजनीतिक असर और आगे क्या?
शांतनु व सुभाषिनी की नाराज़गी से आरजेडी के भीतर और महागठबंधन के समीकरणों में हलचल की संभावना है। लोक स्तर पर यह घटना स्थानीय समर्थकों और पारिवारिक मतदाता-कुल पर असर डाल सकती है — खासकर तब जब शरद यादव की सियासी पकड़ और पहचान इस हिस्से में मजबूत रही है। टिकट न मिलने पर परिवार की नाराज़गी का प्रभाव अगले कुछ दिनों में और स्पष्ट होगा — क्या शांतनु किसी दूसरे मंच से मैदान में उतरेंगे, या परिवार शांत रहकर परिस्थिति संभालेगा, यह अब देखने की बात है।