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SCOBusinessCouncil: नई दिल्ली, 6 फरवरी 2025 – शंघाई सहयोग संगठन (SCO) व्यापार परिषद सचिवालय, भारत ने 6 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में SCO सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से एक विशेष औद्योगिक संवाद का आयोजन किया। यह आयोजन SCO महासचिव नुरलान येर्मेकबायेव की भारत यात्रा के दौरान संपन्न हुआ।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता त्रिभुवन दरबारी, SCO व्यापार परिषद सचिवालय, भारत के राष्ट्रीय भाग के अध्यक्ष एवं फिक्की के इंडिया-रूस बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में SCO महासचिव नुरलान येर्मेकबायेव, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव एवं भारत के SCO राष्ट्रीय समन्वयक आनंद प्रकाश, तथा भारत एवं अन्य SCO सदस्य देशों के प्रमुख उद्योगपतियों और बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
SCO क्षेत्र की आर्थिक प्रगति पर केंद्रित महत्वपूर्ण चर्चा
यह आयोजन SCO क्षेत्र की बढ़ती आर्थिक प्रासंगिकता और व्यापारिक सहयोग द्वारा बहुपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। उल्लेखनीय है कि SCO सदस्य देशों की कुल GDP 20 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जो वैश्विक GDP का लगभग 25% है। इस औद्योगिक संवाद में हुई चर्चाएं SCO की आर्थिक विकास रणनीति (2023-2030) के अनुरूप संगठन के आर्थिक रोडमैप को आकार देने में सहायक सिद्ध होंगी।
SCO व्यापार परिषद सचिवालय, भारत, उद्योग जगत के हितधारकों के साथ मिलकर व्यापार, निवेश, और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास करता रहेगा।
SCO महासचिव का दृष्टिकोण: आर्थिक विकास की नई दिशा
SCO महासचिव माननीय नुरलान येर्मेकबायेव ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि SCO एक नए और अधिक उत्तरदायी ऐतिहासिक चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने संगठन की 2025 तक आर्थिक विकास की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि हमारी प्राथमिकता समझौतों को ठोस आर्थिक परियोजनाओं और परिणामों में परिवर्तित करना है। इसके लिए हमें लचीले और नवाचार आधारित दृष्टिकोण अपनाने होंगे, साथ ही उद्योग जगत और व्यापार संगठनों की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है।
भारत की प्रतिबद्धता: व्यापार के लिए असीम संभावनाएं
प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने इस अवसर पर भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा:
“SCO व्यापार क्षेत्र में विशेष भूमिका निभा सकता है, जहाँ उद्योग और व्यवसायिक संस्थान राष्ट्रीय सीमाओं से परे सहयोग कर सकते हैं। व्यापार की कोई सीमा नहीं होती, और संस्थानों को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। भारत सरकार पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार है।”
भारत की अवसंरचना विकास में अग्रणी भूमिका
SCO व्यापार परिषद सचिवालय, भारत के राष्ट्रीय भाग के अध्यक्ष त्रिभुवन दरबारी ने भारत की अवसंरचना आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा:
“भारत की रेलवे आधुनिकीकरण की विशेषज्ञता, SCO क्षेत्र में परिवहन नेटवर्क और लॉजिस्टिक्स के विस्तार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। हमारे माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं, डिजिटल सेवाओं और अवसंरचना परियोजनाओं में भारत की मजबूत उपस्थिति विश्व को अधिक स्थायित्व और आपसी निर्भरता प्रदान करेगी। संरचित व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देकर, हम SCO क्षेत्र में नई संभावनाओं को साकार कर सकते हैं।”
उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘SECURE’ अवधारणा का भी उल्लेख किया, जिसे उन्होंने SCO शिखर सम्मेलन में साझा किया था। यह दृष्टिकोण SCO व्यापार परिषद की गतिविधियों के लिए एक दिशानिर्देश के रूप में कार्य कर रहा है।
व्यापार सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव
इस आयोजन के अंत में SCO सदस्य देशों के बीच व्यापार नियमों को सरल बनाने, डिजिटल व्यापार प्लेटफॉर्म विकसित करने, और औद्योगिक सहयोग को और गहरा करने की दिशा में सार्थक सुझाव दिए गए।
SCO व्यापार परिषद सचिवालय, भारत इस संवाद के निष्कर्षों को आगे बढ़ाते हुए SCO क्षेत्र में व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।
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VIKAS TRIPATHI
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