
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की महत्वपूर्ण बैठक 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में आयोजित होगी। इस तीन दिवसीय बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के साथ देशभर से 1480 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को नए सिरे से लागू करने की रणनीति, बांग्लादेश में हिंदुओं के बढ़ते उत्पीड़न, संघ के 100 वर्षों के कार्यों और आगामी कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा होगी।
NRC पर फिर होगी चर्चा, आम नागरिकों की चिंता दूर करने की कोशिश
RSS इस बैठक में NRC को लागू करने की दिशा में नई रणनीति पर विचार करेगा। संघ का मानना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और जनसांख्यिकीय संतुलन के लिए जरूरी है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में आम नागरिकों के मन में किसी भी तरह का डर पैदा न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। संघ की योजना है कि इस मुद्दे पर एक संतुलित और तार्किक चर्चा हो, ताकि इसे व्यापक समर्थन मिल सके।
बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न पर प्रस्ताव
बैठक में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर भी प्रस्ताव पेश किया जाएगा। संघ इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की दिशा में ठोस कदम उठाने पर विचार करेगा। RSS का मानना है कि भारत को अपने पड़ोसी देशों में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
बीजेपी की कार्यशैली और संगठन में बदलाव पर भी होगी समीक्षा
बैठक में बीजेपी के कामकाज पर भी मंथन होगा। पार्टी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति में हो रही देरी और संगठन के भीतर बदलाव पर चर्चा की जा सकती है। बैठक में मौजूद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष पार्टी की वर्तमान स्थिति और आगामी चुनावी रणनीति पर संघ के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
संघ की शताब्दी वर्ष की तैयारी और भविष्य की योजनाएं
RSS के शताब्दी वर्ष (2025) के मद्देनजर संघ महासचिव दत्तात्रेय होसबोले संगठन के कार्यों की समीक्षा करेंगे और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे। सभी क्षेत्रीय प्रमुख अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी देंगे, जिसकी विस्तृत समीक्षा की जाएगी।
संघ की स्पष्ट नीति: हिंदुओं की सुरक्षा और सम्मान सर्वोपरि
RSS प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बैठक से पहले कहा कि संघ का मूल उद्देश्य हिंदू समाज की सुरक्षा, उसके गौरव की रक्षा और संवेदनशीलता का सम्मान सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “दुनिया में कहीं भी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उस पर गंभीर चर्चा होगी और इसके समाधान के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाएगी।”
बेंगलुरु बैठक के नतीजे होंगे अहम
यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। एक ओर जहां संघ NRC को फिर से लागू करने की रणनीति पर मंथन करेगा, वहीं दूसरी ओर हिंदुओं के उत्पीड़न पर सख्त रुख अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। साथ ही, बीजेपी की कार्यशैली और संगठन में बदलाव को लेकर भी अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर RSS की यह बैठक भारतीय राजनीति और हिंदू समाज के भविष्य को प्रभावित करने वाली साबित हो सकती है।

VIKAS TRIPATHI
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