बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आज पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहे। परिवार में चल रही कलह के बीच लालू यादव ने सार्वजनिक रूप से तेजस्वी के नेतृत्व को पुनः स्वीकृति देकर बड़ा संदेश दे दिया है।
बैठक में मौजूद विधायकों और नेताओं के बीच लालू प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव ने पार्टी को मजबूत किया है और आगे भी वही संगठन का नेतृत्व करेंगे। वहीं तेजस्वी यादव ने चुनावी नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वीकार किया कि परिणाम उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत रहे। उन्होंने कहा कि “दूर–दूर तक ऐसा नहीं लग रहा था कि नतीजे इस तरह आएंगे।”
हर हारी हुई सीट पर विस्तृत फीडबैक जुटाया गया
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हर सीट का बारीकी से फीडबैक लिया गया। कम अंतर से हारी गई सीटों पर विशेष चर्चा की गई। पार्टी नेतृत्व ने उम्मीदवारों से पूछा कि क्या उनके आकलन और EVM परिणामों में कोई बड़ा अंतर दिखा है। पार्टी हाईकमान ने निर्देश दिया कि यदि किसी नेता के पास EVM में गड़बड़ी, बूथ-स्तरीय अनियमितता या वोटरों से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत या सबूत हों, तो वे तत्काल पार्टी को उपलब्ध कराएं। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
परिवारिक विवादों के बीच लालू का तेजस्वी को समर्थन
लालू यादव ने तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा ऐसे समय में जताया है जब परिवार में तनाव गहरा रहा है।
तेज प्रताप यादव के बागी रुख के बाद अब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी परिवार से दूरी बनाने की बात कही है। रोहिणी का आरोप है कि पार्टी की एक बैठक के दौरान उन्हें बाहर जाने के लिए कहा गया और उन्हें चप्पल उठाकर धमकाया गया। उन्होंने संजय यादव और रमीज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
रोहिणी आचार्य का भावुक सोशल मीडिया पोस्ट
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि किसी भी शादीशुदा बेटी को अपने मायके में बेटे की मौजूदगी के बावजूद पिता के लिए बलिदान नहीं देना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि:
“मैंने अपने पिता को बचाने के लिए किडनी दी, न अपने बच्चों को देखा, न पति और ससुराल से अनुमति ली… आज उसी काम को गंदा बताया जा रहा है। मेरी तरह गलती कोई बेटी न दोहराए।”
उन्होंने सभी बेटियों से अपील की कि वे अपने परिवार, बच्चों और ससुराल को प्राथमिकता दें और अपने मायके की जिम्मेदारियों में खुद को न झोंकें।














