रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त 2024, सोमवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह शुभ पर्व सूर्योदय से प्रारंभ होकर पूरे दिन प्रेम, स्नेह, और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
भद्रा को लेकर भ्रांति और समाधान
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि पंचांग के पांच अंगों में से एक अंग, जिसका नाम करण है, 11 प्रकार के होते हैं। इनमें से सात चर और चार स्थिर होते हैं। सातवें करण को विष्टी, अर्थात भद्रा कहा जाता है। भद्रा में सभी शुभ कार्यों को करने से मना किया गया है, लेकिन शास्त्रों में भद्रा के परिहार का उल्लेख भी मिलता है। यदि भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर न हो, तो यह शुभ और सुख संपन्नता प्रदान करने वाली होती है।
इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा होते हुए भी, चंद्रमा मकर राशि में रहेगा, जिससे भद्रा का वास पाताल लोक में होगा। इस कारण, यह धन-धान्य देने वाली होगी, और भद्रा का कोई अशुभ प्रभाव नहीं होगा। इसलिए, आप संपूर्ण दिन ही रक्षाबंधन मना सकते हैं।
इन योग में राखी बांधने से भाई की तरक्की में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। वहीं सभी बहनों को राखी हमेशा सही विधि के साथ ही बांधनी चाहिए। इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती हैं। ऐसे में आइए राखी बांधने की सही विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जान लेते हैं।
राखी बांधने की विधि
रक्षाबंधन के शुभ दिन पर राखी बांधने से पहले एक थाली सजा लें। सबसे पहले थाली में रोली चावल को रखें। इसके बाद आप राखी और मिठाई को रख लें। इस दौरान दिया जलाना न भूलें। अब सबसे पहले भाई को तिलक लगाएं। फिर दाहिने हाथ में राखी बांधें। इस दौरान राखी में तीन गांठ बांधें।
मान्यता है कि राखी की इन तीन गांठ का महत्व ब्रह्मा, विष्णु और महेश से होता है। फिर भाई को मिठाई खिलाएं। अब उसकी आरती उतारते हुए, भाई की लंबी उम्र, सुखी जीवन तथा उन्नति की कामना करें।
💐 आप सभी को रक्षाबंधन के पावन पर्व की मंगलमय शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻
ज्योतिष शास्त्र, वास्तुशास्त्र, वैदिक अनुष्ठान व समस्त धार्मिक कार्यों के लिए संपर्क करें:
ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री,
संपर्क सूत्र: 9993652408, 7828289428
VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।