
संभल जामा मस्जिद विवाद पर प्रतिक्रिया:
किसान नेता राकेश टिकैत रविवार को बदायूं के सहसवान में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की कार्यकर्ता बैठक में पहुंचे। भाकियू कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संभल जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद और डीएपी खाद की कमी जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।
जब पत्रकारों ने उनसे संभल जामा मस्जिद विवाद पर सवाल किया, तो टिकैत ने कहा, “टीम को शांति से सर्वे करने देना चाहिए। जो जिसकी जगह है, उसे सौंप दिया जाए।”
डीएपी खाद की समस्या पर सरकार पर निशाना:
गेहूं की बुवाई के समय डीएपी खाद की कमी का मुद्दा उठाते हुए टिकैत ने कहा, “डीएपी सरकार, अधिकारियों और व्यापारियों के पेट में है। ये खाद दुकानों पर ब्लैक में बेची जा रही है। अगर कोई व्यापारी ब्लैक करता हुआ पकड़ा जाए, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।”
उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को डीएपी पर निर्भरता खत्म कर ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ना चाहिए। टिकैत ने कहा, “हमारे पूर्वज बिना डीएपी के खेती करते थे। हमें भी धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती की तरफ लौटना होगा, यही इसका स्थायी समाधान है।”
26 नवंबर को प्रदर्शन का ऐलान:
टिकैत ने बताया कि 26 नवंबर को भाकियू हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगा। इस प्रदर्शन में भूमि अधिग्रहण, किसानों की जमीन की नीलामी, डीएपी की कमी, फसलों के दाम और एमएसपी कानून से जुड़े मुद्दे उठाए जाएंगे।
जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग:
उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “यह कानून 2014 में ही आ जाना चाहिए था। लेकिन सरकार इसे लागू नहीं कर रही। 2050 तक जनसंख्या विस्फोट, पर्यावरण प्रदूषण और वाहनों की बढ़ती संख्या जैसी समस्याएं गंभीर हो जाएंगी।”
टिकैत ने कहा कि “देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह पेड़ लगाएं और जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग करें।”
सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “भारत सरकार इस देश को लेबर कंट्री बनाना चाहती है, और उसी दिशा में काम कर रही है।”