Wednesday, August 13, 2025
Your Dream Technologies
HomePoliticsराजीव प्रताप रूडी ने फिर बनाया दबदबा; कॉन्स्टिट्यूशन क्लब सचिव पद चुनाव...

राजीव प्रताप रूडी ने फिर बनाया दबदबा; कॉन्स्टिट्यूशन क्लब सचिव पद चुनाव में संजीव बालियान को हराया

नई दिल्ली — संसद के प्रभावशाली कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव पद की कड़े मुकाबले वाली चुनावी लड़ाई में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी ने अपने साथी सांसद संजय (संजीव) बालियान को हराकर अपनी बढ़त कायम रखी। देर रात्रि समर्थकों के बीच जश्न के बाद रूडी ने प्रेस से कहा कि उन्होंने करीब 100 से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उनके पैनल के अन्य सदस्य भी विभिन्न दलों के समर्थन से चुने गए।

बड़ी हुकूमत, भीड़-भाड़ में रिकॉर्ड वोटिंग

कुल मिलाकर 1,295 वर्तमान व पूर्व सांसदों में से इसे अब तक के सबसे बड़े मतदान सत्रों में से एक माना गया—लगभग 680 से अधिक वैध वोट डाले गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व सभापति मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई दिग्गज नेताओं ने मतदान किया, जिससे चुनाव का महत्व और बढ़ गया।

BJP बनाम BJP — दो दिग्गजों के बीच रंगीन संघर्ष

क्लब के चुनाव को इस बार ‘बीजेपी बनाम बीजेपी’ कहा गया, क्योंकि दोनों मुख्य प्रत्याशी—रूडी और बालियान—एक ही पार्टी से थे। हालाँकि पृष्ठभूमि और नेतृत्वशैली में दोनों भिन्न हैं: रूडी शहरी-प्रभुत्व वाले, शालीन और प्रतिष्ठित चेहरे के रूप में जाने जाते हैं; जबकि बालियान ग्रामीण जुड़ाव और जमीनी समुदाय प्रतिनिधित्व के प्रतीक रहे हैं। इन भिन्नताओं ने चुनाव में जातिगत और क्षेत्रीय ताने-बाने को भी दबोला।

समर्थन का समीकरण — विपक्ष ने रूडी को बल दिया

जानकारों का कहना है कि विपक्षी दलों और अनेक निर्दलीय सदस्यों ने रूडी को बड़े पैमाने पर समर्थन दिया, जबकि भाजपा के अंदर मतभेद और उम्मीदवारों के प्रति अलग-अलग झुकाव दिखा—कुछ नेताओं ने बालियान के पक्ष में सक्रिय प्रचार भी किया। नतीजा यह रहा कि रूडी के पुराने राजनीतिक संबंध और पारंपरिक करिश्मा निर्णायक साबित हुए।

संगठन, मुद्दे और भविष्य की दिशा

इस चुनाव में 11 कार्यकारी सदस्यों की सीटों के लिए 14 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला चला। रूडी ने अपनी जीत के बाद क्लब के आधुनिकीकरण, सांसदों और पूर्व-सांसदों के लिए सुविधाओं के विस्तार तथा क्लब के शासकीय कामकाज पर ज़ोर देने का वादा दोहराया। जबकि बालियान ने बदलाव और कर्मचारी-निर्भर नीतियों में समावेश का समर्थन किया था—उनका तर्क था कि क्लब को सांसदों की वास्तविक आवश्यकताओं पर केन्द्रित होना चाहिए न कि बाहरी प्रशासकीय तंत्र पर।

पद की अहमियत

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में लोकसभा स्पीकर पदेन अध्यक्ष रहते हैं; वहीं सचिव क्लब के रोज़मर्रा के प्रशासनिक और कार्यकारी मामलों में निर्णायक भूमिका निभाता है। इसलिए इस चुनाव की राजनीतिक और प्रबंधन दृष्टि दोनों से अहमियत रही।

क्या बदला अर्थ है?

रूडी की जीत से क्लब के पारंपरिक नेटवर्क और स्थापित नेतृत्व की साख बनी रही—उनके समर्थक इसे स्थिरता और अनुभव की जीत मानते हैं। दूसरी ओर बालियान की मजबूत चुनौती ने दिखा दिया कि क्लब के भीतर भी बदलाव की लहर और जमीनी राजनीति की ताकत बना हुआ है। अब आगामी महीनों में यह देखा जाएगा कि नए निर्वाचित पैनल क्लब के कामकाज, पारदर्शिता और सांसदों की सुविधाओं में कितने वास्तविक बदलाव लाता है।


- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button